मिले योजनाओं का लाभ तो लहलहाएगी फसल, संपन्न होंगे किसान
दैनिक जागरण का संपादकीय महा अभियान 'जो उपजाए अन्न वो क्यों न हो संपन्न' के तहत किसान जागरूकता रथ रविवार को नानपुर प्रखंड में पहुंचा। इस दौरान कई गांवों का भ्रमण कर नानपुर के ददरी गांव पहुंचा।
सीतामढ़ी। दैनिक जागरण का संपादकीय महा अभियान 'जो उपजाए अन्न वो क्यों न हो संपन्न' के तहत किसान जागरूकता रथ रविवार को नानपुर प्रखंड में पहुंचा। इस दौरान कई गांवों का भ्रमण कर नानपुर के ददरी गांव पहुंचा। जहां पूर्व प्रमुख सह मुखिया ¨रकू कुमारी के आवासीय परिसर में कृषि कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका उदघाटन जिला प्रमुख संघ अध्यक्ष सह प्रमुख मुकेश कुमार लाल, पंचायत समिति सदस्य जाकिर रास बिहारी मंगल मुखिया तौसीफ राजा, शकील अहमद, मोकसैद, कृषि समन्वयक रविरंजन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में किसानों ने खेती से संबंधी समस्याओं को प्रमुखता से रखा। किसानों ने कहा, खेती की समाप्ति पर खाद बीज की उपलब्धता बेमानी साबित होती है और विभाग की असंवेदनशीलता व लापरवाही का उदाहरण प्रस्तुत करता है। किसान कभी बाढ़ व सुखाड़ से तबाह होते हैं। सरकारी सुविधा से अनभिज्ञ यहां लोग महंगी खेती करने को विवश होते हैं। सरकारी स्तर पर स्थापित किए गए राजकीय नलकूप के बंद होने से इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। इस कारण किसान अपनी फसल की ¨सचाई महंगे दर पर निजी बो¨रग से करने को मजबूर होते हैं। किसानों का दर्द था कि उन्हें समय पर न तो डीजल अनुदान मिलता है न खाद-बीज और न तो फसल क्षति की राशि। सरकारी योजनाओं की जानकारी किसानों को नहीं मिलती है। धान और गेहूं के बीज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। समय पर न खाद और न ही बीज मिलता है। ¨सचाई के लिए भले ही लंबी चौड़ी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन धरातल पर ़िफसड्डी साबित हो रही है। कहा कि योजनाओं का लाभ मिले तो उत्पादन बढ़ेगा और किसान संपन्न होंगे। जिला प्रमुख संघ अध्यक्ष सह नानपुर प्रमुख मुकेश कुमार लाल ने किसान से जुड़े इस अभियान को शुरू करने के लिए सबसे पहले दैनिक जागरण की सराहना करते हुए कहा कि कोई भी संस्था अपने स्थापना दिवस पर लोगों को आकर्षित करने के लिए कार्यक्रम करती है, लेकिन पहली बार कोई अखबार किसानों की हालत को लेकर अभियान चला रहा है। इसके लिए दैनिक जागरण बधाई का पात्र है। उन्होंने किसानों के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, लेकिन सही ढंग से क्रियान्वयन नहीं होने से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकतर किसान अपने बलबूते खेती कर जीवन यापन कर रहे हैं। किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने व रासायनिक खाद के बदले जैविक खाद से खेती करने की सलाह दी। कृषि समन्वयक रविरंजन ने किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि आधुनिक तरीके से खेती करने पर कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर लाभ को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही रसायनिक खाद के बदले जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह दी। जैविक खाद के प्रयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति बनी रहती है और खेत से उपजा अन्न भी स्वास्थ्यवर्धक होता है। पुरानी विधि को त्याग कर वैज्ञानिक विधि और तकनीक से खेती पर बल दिया। कहा कि सरकार कृषि यांत्रिकरण दिशा में जोरशोर से योजनाएं चला रही है। ¨सचाई के लिए पंपसेट, रोटावेटर समेत अन्य कृषि यंत्र में अनुदान दिया जाता है। बीज उपचार, मिट्टी जांच, समेकित कृषि प्रणाली पर चर्चा कर किसानों को खेती का सुझाव दिया। पशुओं में पोषण प्रबंधन, रोग प्रबंधन पर विस्तार से बताया। कम लागत में बेहतर उपज की खेती करने पर जोर दिया। उन्होंने सब्जी की खेती पर जागरूक करते हुए मशरूम उत्पादक, वर्मी कंपोस्ट, उत्पादन और प्रशिक्षण के बारे में बताया। कहा कि आज जरूरत है कि किसान कृषि पर आधारित सरकारी योजनाओं, वैज्ञानिक तकनीक के साथ खेती करें। गेहूं की बुआई में जीरो टिलेज तकनीक पर जोर दिया। मौके पर विनोद झा, नेमत, नवल राय, संजय कुमार संजीव कुमार, शिवराम प्रसाद, ¨बदेश्वर राय, विश्वनाथ राय, तौसीफ राजा, बबलू, शकील अहमद, कृष्णा पंडित, श्रीनारायण पंडित, दशरथ ठाकुर, मोकसैद, संजय कुमार एवं रासबिहारी पासवान सहित कई किसान उपस्थित थे। क्या कहते हैं किसान :
सरकार की ओर चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सही ढंग किसानों तक नहीं पहुंच पाता है। किसानों को मिलने वाली सुविधाओं पर यदि सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। अगर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं सही ढंग से धरातल पर उतारे तो वह दिन दूर नहीं जब किसान की आमदनी दोगुनी हो जाएगी और किसान किसान खुशहाल हो जाएंगे।
-- संजय कुमार सिप्पू, किसान किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाना हीं सबसे बड़ी समस्या है। अनाज क्रय केंद्र समय पर नहीं खुलना एवं विभागीय पेच से मुक्ति के बाद हीं अन्नदाताओं का भला संभव है। किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं सही समय पर क्रियान्वित हो तभी किसानों के लिए कारगर होगा। नहीं तो सरकारी योजनाओं पर करोड़ों खर्च होते रहेंगे किसान इसी तरह वंचित होते रहेंगे।
-- सीताशरण राय, किसान किसान को बीज, खाद समय पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है। किसान महंगे दाम में खरीदने को विवश हो जाते हैं। समय पर क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को अपना अनाज मजबूरी में बिचौलियों एवं खुले बाजार में कम कीमत पर बचने पर विवश होना पड़ता है। जबकि खाद-बीज महंगे दाम पर खरीदना पड़ता है। इस पर नियंत्रण का प्रयास न तो जनप्रतिनिधि करते हैं और न अधिकारी। इससे किसान शोषण के शिकार हो रहे हैं।
-- सुरेश ठाकुर, किसान
प्रखंड में ¨सचाई की सरकारी स्तर पर बेहतर व्यवस्था नहीं है। ¨सचाई के लिए पंचायतों व गांवों में स्टेट बो¨रग की आवश्यकता है, साथ ही खाद बीज की उपलब्धता भी गांवों में होनी चाहिए। ताकि किसानों को खाद-बीज एवं कीटनाशक के लिए दूर-दराज जाने की जरूरत नहीं पड़े। समय पर खाद-बीज मिले तो उपज बेहतर होगा। विभाग को इस व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए।
--- जैनुल आबेदिन, किसान दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है। मजदूरों की कमी के कारण खेती करना महंगा हो गया है। लेकिन, सरकार द्वारा किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण किसान कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। अगर सरकार किसानों के लिए सब्सिडी में बढ़ोतरी नहीं की तो आने वाले समय में खेती से उनका मोह भंग हो जाएगा। इस स्थिति में सुधार करने की जरूरत है।
-- संजीव कुमार, किसान