सुनीता ने रचा इतिहास, पहली बार महिला को प्रमुख का ताज
सोनबरसा प्रखंड में प्रमुख के उप चुनाव में आखिरकार सुनीता देवी ने बाजी मार ली। पुरुषों के वर्चस्व वाली इस कुर्सी पर क्षेत्र संख्या-21 इंदरवा पंचायत से समिति सदस्य सुनीता की जीत के साथ दो इतिहास रच गए।
सीतामढ़ी । सोनबरसा प्रखंड में प्रमुख के उप चुनाव में आखिरकार सुनीता देवी ने बाजी मार ली। पुरुषों के वर्चस्व वाली इस कुर्सी पर क्षेत्र संख्या-21 इंदरवा पंचायत से समिति सदस्य सुनीता की जीत के साथ दो इतिहास रच गए। पहली महिला प्रमुख होने का गौरव हासिल करने के साथ इस पद के लिए पहली बार निर्विरोध निर्वाचन भी हुआ है। इस प्रकार सुनीता ने साबित किया कि महिलाएं किसी से कम नहीं। पुरनदाहा रजवाड़ा पूर्वी पंचायत क्षेत्र संख्या- से समिति ब्रजेश पासवान को उन्होंने शिकस्त दी है। ब्रजेश ही प्रमुख हुआ करते थे। सुनीता ने इस कुर्सी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। इसी के साथ इस प्रखंड में पहली बार प्रमुख के पद पर किसी महिला के काबिज होने से आधी आबादी को उनका पूरा हक मिल गया है। निर्वाचन पदाधिकारी सह अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी कुमार गौरव ने निर्विरोध निर्वाचन का प्रमाण-पत्र दिया तो मौके पर मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर अभिनंदन किया। प्रेक्षक के रूप मे डीडीसी प्रभात कुमार खुद भी मौजूद थे। ------------
दिलचस्प लड़ाई को लेकर आम लोगों में भी रही उत्सकुता पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, प्रमुख के चुनाव को लेकर सुबह से लोगों मे उत्सुकता थी। निर्धारित समयानुसार, 10 बजकर 30 मिनट पर 29 में से 25 पंचायत समिति सदस्य निर्वाचन कक्ष में पहुंचे। 11 बजे सुनीता देवी ने नामांकन पर्चा दाखिल किया। फिर नामांकन पत्र की जांच की गई। नामांकन पत्र वैध होने की घोषणा हुई। दूसरे प्रत्याशी द्वारा नामांकन पर्चा दाखिल होने का करीब करीब आधा घंटा सभी लोगों ने इंतजार किया। कोई टर्नअप नहीं हुआ तो निर्वाचन पदाधिकारी ने सुनीता के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। हालांकि, यह चर्चा जोरों पर थी कि पूर्व प्रमुख ब्रजेश पासवान विरोध में खड़ा होंगे। मगर, वह अपना वोट देने भी हाजिर नहीं हो सके। लगता है हवा का रुख भांपकर मैदान से हटने में ही भलाई समझा।
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विकास से लोगों के दिलों पर अपना असर छोड़ जाऊंगी : सुनीता
निर्विरोध निर्वाचन के लिए सुनीता देवी ने तमाम समिति सदस्यों का दिल से आभार जताया। साथ ही कहा कि जिन उम्मीदों से सदस्यों ने वोट दिए उनकी कसौटी पर खड़ा उतरकर जरूर दिखाऊंगी। विकास के अधूरे कार्यों को पूरा करके आम लोगों के दिलों पर भी अपना असर छोड़ने का प्रयास करूंगी। सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाऊंगी। 6 माह से विकास के अवरुद्ध कार्य को अंजाम तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। पदाधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधियों के साथ कदम से कदम मिलाकर विकास की नई गाथा लिखी जाएगी। ---------------------------------- भारी पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट भी रहे तैनात
निर्वाचन के दौरान हंगामे की आशंका के मद्देनजर भारी पुलिस बल का इंतजाम था। विधि-व्यवस्था पर सीओ अशोक कुमार व पुअनि संजय कुमार खुद नजर रख रहे थे। वही मजिस्ट्रेट के रूप में डुमरा बीडीओ मुकेश कुमार तैनात थे। मुख्यालय गेट पर थानाध्यक्ष राकेश कुमार, कन्हौली थानाध्यक्ष इकरामुल खान, देवेंद्र मिश्र के अलावा जिला पुलिस बल के महिला व पुरूष जवानों की तैनाती थी। इन्होंने लिया मतदान में हिस्सा
सुजीता देवी, संजीव कुमार पासवान, इंदु देवी, सोमारी देवी, सिमा कुमारी, पूनम देवी, शक्तिनाथ मुखिया, प्रमिला देवी, चित्रलेखा कुमारी, मंजू देवी, सत्यनारायण महतो, केदार महतो, जयकिशोर साह ललित, सत्येंद्र कुमार महतो, किरण कुमारी, अशोक कुमार सिंह, रामदुलारी देवी, सुनीता देवी, अनिल कुमार, सुंदरकला देवी, रंजीत कुमार, कमलेश साह, अजय कुमार शिवम, सुमन कुमार व राधेश्याम कापर ने मतदान में हिस्सा लिया। ये रहे गैरहाजिर : नाजिया बेगम, नगीना देवी, संगीता कुमारी व ब्रजेश पासवान मतदान में हिस्सा नहीं ले पाए। --------------------------------------------------
पूर्व उप प्रमुख अहिराज शैलेन्द्र भूषण की जिद हुई पूरी
सुनीता की जीत से पूर्व उप प्रमुख अहिराज शैलेन्द्र भूषण की जिद पूरी हो गई। पूर्व प्रमुख ब्रजेश पासवान को कुर्सी से बेदखल करने की लड़ाई की पृष्ठभूमि अहिराज से ही शुरू हुई। जीत की घोषणा होते ही अहिराज के चेहरे खुशी से खिल उठे। उनके साथ मुखिया मधुरेंद्र मिश्र, मनोज कुमार, पंकज कुमार, ललित नारायण पंडित, मुकेश साह, रघुनाथ महतो, मनोज कुमार सिंह, पूर्व मुखिया विनोद कुमार, विनोद पासवान, मो. साज हुसैन उर्फ जिमी, उदय सिंह, राम जिनिस यादव, बिदेश्वर महतो, अरुण कुमार यादव, आलोक यादव, देवेंद्र प्रसाद यादव ने सुनीता को जीत की बधाई दी। ---------------------------
इनसेट
सुनीता के लिए चुनौतियां भी हैं और प्रतिष्ठा का सवाल भी
सोनबरसा : जीवकोपार्जन और संतानोत्पत्ति की दोहरी भूमिकाओं के बीच खड़ी महिलाओं की मां, बहन, बेटी, और पत्नी के रूप में पारिवारिक भूमिकाएं अच्छी तरह परिभाषित हैं जिन्हें वे अनंतकाल से सफलतापूर्वक निभा रही हैं। इसके अतिरिक्त आज की दुनिया में प्राय: हर क्षेत्र में हर स्तर पर उनहोंने अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन का लोहा मनवाया है। परन्तु, किसी गणतंत्र की संवैधानिक संस्था के बहुमत वाले वर्ग के रूप में इस प्रखंड में प्रमुख के पद पर सुनीता जैसी किसी महिला को अपनी भूमिका निभाने का मौका पहली बार प्राप्त हुआ है। किसी महिला के लिए एक वर्ग के रूप में नया एक अनोखी एवं अचानक आई स्थिति हो सकती है। इसमें चुनौतियां भी हैं और प्रतिष्ठा का सवाल भी। बड़ी चुनौती यह है कि अपनी पारिवारिक दायित्वों को निभाने के साथ-साथ अब सुनीता को एक प्रमुख के तौर पर अपनी सूझ-बुझ एवं निर्णय लेने की क्षमता दिखानी होगी। साथ ही सामुदायिक कल्याण के लिए अपनी कल्पनाशक्ति और प्रतिबद्धता भी सिद्ध करनी होगी। पंचायती राज व्यवस्था के सशक्तिकरण में महिला प्रतिनिधियों की भूमिका से विभिन्न स्तरों पर स्थितियां बदली भी हैं।