अध्यात्म और विज्ञान एक साथ चले
अध्यात्म और विज्ञान एक साथ चले तो तीर्थ के समान है। लेकिन दोनों में थोड़ा अंतर है।
सीतामढ़ी। अध्यात्म और विज्ञान एक साथ चले तो तीर्थ के समान है। लेकिन दोनों में थोड़ा अंतर है। अध्यात्म व्यक्ति को खुद करना पड़ता है। तभी उसका फल मिलेगा। अध्यात्म में साधक को करना पड़ता है। साधक शरणागत हो जाए तो उसे साधना की जरूरत नहीं। लेकिन अध्यात्म के लिए व्यक्ति को खुद साधना करनी ही पड़ेगी। गुरु उसका मार्गदर्शन करेगा। जबकि विज्ञान में खोज एक करता और साधना का फल सभी को समान रूप से मिलता है। न्यूटन ने एक सिद्धांत की खोज की। उसका फायदा सभी को मिल रहा है। एडिसन ने बिजली की खोज की उसका लाभ आज पूरे विश्व को मिल रहा है। दोनों अपनी-अपनी जगह पर सही है। अध्यात्म में व्यक्ति जो करता है उसकी साधना का फल उसे ही मिलता है। जबकि विज्ञान में खोजता एक व्यक्ति है और उसका फल सभी को मिलता है। अंतर यही है। लेकिन दोनों साथ चले तो वह तीर्थ हो जाए।