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सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर पहले चुनाव में मैदान में उतरे थे तीन प्रत्याशी

सीतामढ़ी लोकसभा सीट इलाके की प्रतिष्ठित सीट रही है। इस सीट का भुगोल बदलता रहा है और इतिहास बनता रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 12:44 AM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 12:44 AM (IST)
सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर पहले चुनाव में मैदान में उतरे थे तीन प्रत्याशी
सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर पहले चुनाव में मैदान में उतरे थे तीन प्रत्याशी

सीतामढ़ी। सीतामढ़ी लोकसभा सीट इलाके की प्रतिष्ठित सीट रही है। इस सीट का भुगोल बदलता रहा है और इतिहास बनता रहा है। वर्ष 1952 के पहले चुनाव में यह इलाका मुजफ्फरपुर पूर्वी में था। वर्ष 1957 के चुनाव में सीतामढ़ी जिले में दो लोकसभा क्षेत्र वजूद में आए। सीतामढ़ी और पुपरी। सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में सीतामढ़ी जिले के अलावा मुजफ्फरपुर जिले का औराई विधानसभा शामिल था। वहीं पुपरी लोकसभा सीट में पुपरी और शिवहर के अलावा पूर्वी चम्पारण जिले का कुछ भाग शामिल था। वर्ष 1971 के चुनाव में पुपरी लोकसभा का वजूद समाप्त हो गया। इसकी जगह शिवहर नए लोकसभा के रूप में अस्तित्व में आया। इसके बाद 2009 के चुनाव में शिवहर और सीतामढ़ी सीट का भुगोल बदल गया। सीतामढ़ी सीट से मुजफ्फरपुर जिले का औराई विधानसभा क्षेत्र हट गया, वहीं शिवहर से बथनाहा और मेजरगंज विस क्षेत्र भी हट गया। वर्तमान में सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में जिले का बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, रून्नीसैदपुर और सीतामढ़ी समेत छह विधान सभा क्षेत्र शामिल हैं। जबकि सीतामढ़ी जिले का रीगा और बेलसंड, शिवहर जिले का शिवहर, पूर्वी चम्पारण जिले का मधुबन, ढाका और चिरैया विधान सभा क्षेत्र शिवहर लोकसभा क्षेत्र के अधीन है। सीतामढ़ी सीट पर हर चुनाव में नया इतिहास दर्ज होता रहा है। इस सीट पर कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव की जीत की हैट्रिक का रिकार्ड अब भी बरकरार है। उन्होंने 1961, 1967 और 1971 के चुनाव में लगातार जीत दर्ज की। हालांकि वर्ष 1977 में लोकदल के महंत श्याम सुंदर दास और 1989 के चुनाव में उन्हें जनता दल के हुकुमदेव नारायण यादव से शिकस्त खानी पड़ी।

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1957 में केवल तीन प्रत्याशी ही थे मैदान में

सीतामढ़ी : चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो सीतामढ़ी सीट के लिए वर्ष 1957 के पहले चुनाव में तीन प्रत्याशी ही मैदान में उतरे थे। इनमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के आचार्य जेबी कृपलानी, निर्दलीय बुझावन साह और नग नारायण सिंह शामिल थे। तब कुल 417735 मतदाताओं में कुल 212523 मतदाताओं ने मतदान किया था। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के आचार्य जेबी कृपलानी ने 126523 मत प्राप्त कर बुझावन साह को 71688 मत से शिकस्त दिया था। बुझावन साह को 54835 मत मिले थे। जबकि तीसरे नंबर पर नग नारायण सिंह को 31075 मत मिले थे। 1962 के चुनाव में कुल 455960 में 249150 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव समेत छह प्रत्याशी मैदान में थे। नागेंद्र प्रसाद यादव को 38.15 फीसद यानी कुल 90190 और निकटतम प्रतिद्वंदी ठाकुर युगल किशोर सिंह को 24.09 फीसद यानी कुल 57395 मत मिले थे। इसके अलावा अली शेर अंसारी को 27325, सत्य नारायण प्रसाद को 22896, राम बहादुर लाल को 20492 और सोशलिस्ट सत्य नारायण शर्मा को 19255 वोट मिले थे। 1967 के चुनाव में इलाके के लोगों ने 15 फरवरी को वोट डाले थे। कुल 574690 वोटरों में 375492 लोगों ने वोट किया था। इस चुनाव में कुल 11104 वोट रिजेक्ट किया गया था। कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव को 141337 और निकटतम प्रतिद्वंदी ठाकुर युगल किशोर प्रसाद सिंह को 140820 वोट मिले थे। 1971 के चुनाव में कुल 631884 मतदाताओं में से 425412 ने मतदान किया था। इसमें 4434 मत रद हो गए थे। कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव ने 217416 मत प्राप्त कर ठाकुर युगल किशोर सिंह को 28725 मत से शिकस्त दिया था। ठाकुर युगल किशोर प्रसाद सिंह को 188692 मत मिले थे। इस चुनाव में कुल नौ प्रत्याशी ने नामांकन किए थे। इनमें चार ने नाम वापस लिया था। दो की जमानत जब्त हो गई थी।

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वर्ष 1977 में रूका था नागेंद्र की जीत का पहिया

सीतामढ़ी : 1977 के चुनाव में 723136 में से 504140 लोगों ने मतदान किए। 6277 वोट रिजेक्ट हो गए थे। इस चुनाव में भारतीय लोक दल के महंत श्याम सुन्दर दास ने 261321 वोट प्राप्त कर नागेंद्र प्रसाद यादव को शिकस्त देते हुए उनकी जीत के रथ रोक दिया था। इस चुनाव में नागेंद्र को महज 171227 मत ही मिल सके थे। वर्ष 1980 के चुनाव में कुल 814886 में से 57.85 फीसद यानी कुल 471407 मतदाताओं ने वोट किया था। इस चुनाव में कांग्रेस के बलिराम भगत ने 213245 मत प्राप्त कर शशि शेखरेश्वर प्रसाद सिंह को शिकस्त दिया था। शशिशेखरेश्वर सिंह को 180996 मत मिले थे। वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में 54.42 फीसद मतदाताओं ने मतदान किया था। कुल 875566 मतदाताओं में से 478099 ने मतदान किया था। इनमें 8118 मत रद कर दिए गए थे। कांग्रेस के रामश्रेष्ठ खिरहर ने 217307 मत प्राप्त कर लोकदल के इंदल सिंह नवीन को 121544 मतों से शिकस्त दिया था। इंदल को 95763 मिले थे। वर्ष 1989 के चुनाव में कुल 1011260 मतदाताओं में से से 654778 ने मतदान किया था। मतदान का प्रतिशत 64.75 रहा। 7581 मत रद कर दिया गया। जनता दल के हुकुमदेव नारायण यादव ने कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव को 170861 मतों से हराया था। हुकुमदेव को 335796 और नागेंद्र को 164935 मत मिले थे। जबकि वर्ष 1991 के चुनाव में कुल 1016278 मतदाताओं में से 736253 ने मतदान किया था। 5045 वोट अवैध घोषित किए गए थे। इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत 72.45 फीसद रहा। जनता दल के नवल किशोर राय ने 425186 मत प्राप्त करते हुए कांग्रेस के रामबृक्ष चौधरी को 229151 मतों से हराया था। रामबृक्ष चौधरी को 196035 मत मिले थे। वर्ष 1996 के चुनाव में कुल 1115473 मतदाताओं में से 746914 ने मतदान किया था। 10450 वोट अवैध घोषित किए गए थे। इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत 56.96 फीसद रहा। चुनाव में जनता दल के नवल किशोर राय ने 322483 मत प्राप्त करते हुए कांग्रेस के अनवारुल हक को 82257 मतों से हराया था। अनवारुल को 240226 मत मिले थे।

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वर्ष 1998 के चुनाव में सीताराम ने दी थी नवल को पटखनी

सीतामढ़ी : वर्ष 1998 के चुनाव में कुल 1124360 मतदाताओं में से 774022 ने मतदान किया था। 10119 वोट अवैध घोषित किए गए थे। इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत 58.84 फीसद रहा। इस चुनाव में राजद के सीताराम यादव ने 277898 मत प्राप्त कर जनता दल यूनाईटेड के नवल किशोर राय को 23509 मतों से शिकस्त दी थी। नवल को 254389 मत मिले थे। वर्ष 1999 के चुनाव में कुल 1126989 मतदाताओं में से 756016 ने मतदान किया था। 11731 वोट रद कर दिए गए थे। इस चुनाव में जनता दल के नवल किशोर राय ने 410557 मत प्राप्त करते हुए राजद के सूर्यदेव राय को 101257 मतों से हराया था। सूर्यदेव राय को 309300 मत मिले थे।

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वर्ष 2004 में मतदाताओं ने दबाया था इवीएम का बटन

सीतामढ़ी :वर्ष 2004 के चुनाव में कुल 12655132 मतदाताओं में से 690891 ने मतदान किया था। 40 बैलेट वोट रद कर दिए गए थे। इस चुनाव में इवीएम का उपयोग हुआ था। लोगों ने 26 अप्रैल को इवीएम का बटन दबाया था। इस चुनाव में राजद के सीताराम यादव ने 326165 मत प्राप्त कर जदयू के नवल किशोर राय ने 98005 मतों से हराया था। नवल को 228160 मत मिले थे। जबकि 2009 के चुनाव में 57.18 फीसद वोटरों ने मतदान किया था। 2009 में जदयू के अर्जुन राय ने 232769 मत प्राप्त कर कांग्रेस के समीर कुमार महासेठ को पराजित किया था। राजद के सीताराम यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। समीर कुमार महासेठ को 122216 और सीताराम यादव को 118798 मत मिले थे। जबकि पिछले चुनाव में रालोसपा के राम कुमार शर्मा ने 411265 वोट प्राप्त कर राजद के सीताराम यादव को हराया था। सीताराम यादव को 263300 और तीसरे स्थान पर रहे अर्जुन राय को 97188 मत मिले थे।

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