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सीतामढ़ी पुलिस की वर्दी और दामन पर लगे दाग

पुलिस हिरासत में लूट और हत्या के दो आरोपितों की हुई मौत के बाद एक बार फिर सीतामढ़ी पुलिस की वर्दी और दामन पर दाग लगे है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 12:46 AM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 12:46 AM (IST)
सीतामढ़ी पुलिस की वर्दी और दामन पर लगे दाग
सीतामढ़ी पुलिस की वर्दी और दामन पर लगे दाग

सीतामढ़ी। पुलिस हिरासत में लूट और हत्या के दो आरोपितों की हुई मौत के बाद एक बार फिर सीतामढ़ी पुलिस की वर्दी और दामन पर दाग लगे है। जबकि डुमरा थाना पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई तो जारी है, लेकिन पुलिस महकमे का कोई भी अधिकारी तत्काल कुछ बताने से परहेज कर रहा है। यहां तक की वरीय पुलिस पदाधिकारी मोबाइल तक रीसिव नहीं कर रहे है। पुलिस की इस चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे है। डुमरा थाना पुलिस की हिरासत में हुई दो आरोपियों की मौत पर उठते सवालों के बीच अब पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच की भी मांग उठने लगी है। घटना की चहुंमुखी निदा हो रही है। मृतकों के परिजनों को इंसाफ दिलाने के लिए लोग जहां कैंडल मार्च कर रहे है, वहीं सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन कर रहे है। गुरुवार को कई राजनीतिक और सामाजिक संगठन के लोग सड़क पर उतरे। लोगों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इंसाफ मांगे। इसी बीच मृतक पूर्वी चम्पारण जिले के चकिया थाने के रमडीहा निवासी गुफरान के पिता मुनव्वर अली के बयान पर डुमरा थाने में प्राथमिकी (91/19) दर्ज की गई है। जिसमें थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह समेत पुलिस कर्मियों पर पीट पीट कर हत्या का आरोप लगाया है। इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी के डर से सभी आरोपी पुलिकर्मी फरार हो गए है। जबकि नवलेश कुमार आजाद को डुमरा थाना का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है।

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पुलिस कस्टडी से फरार हुए आरोपित पुलिसकर्मी, अधिकारियों का इन्कार

सीतामढ़ी : बताया जा रहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सभी आरोपित पुलिसकर्मियों को रून्नीसैदपुर पुलिस की कस्टडी में रखा गया था, जहां से सभी भाग निकले। सूचना मिलते ही एसपी रून्नीसैदपुर पहुंचे जहां घंटों मामले की तहकीकात की। बताया जा रहा है कि इस मामले में रून्नीसैदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। हालांकि इसकी प्रशासनिक पुष्टि नहीं हो सकी है। वरिय पुलिस अधिकारियों से इस बाबत जानकारी लेने के लिए कॉल किया गया, लेकिन किसी ने कॉल रीसिव नहीं किया। जबकि रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष भूदेव दास और डुमरा के नवपदस्थापित थानाध्यक्ष नवलेश कुमार आजाद ने पुलिसकर्मियों के पुलिस कस्टडी से फरार होने की बात को खारिज कर दिया है। रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष भूदेव दास ने बताया कि एसपी अमरकेस डी हाईवे पर लूट की बढ़ती घटनाओं और थाने का निरीक्षण करने पहुंचे थे। हालांकि इसकी इलाके में चर्चा जोरों पर है।

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आठ पुलिसकर्मियों को आइजी ने किया था निलंबित

सीतामढ़ी : बुधवार को हत्या और लूट के आरोपितों की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में देर रात आइजी नैयर हसनैन खान ने थानाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह समेत आठ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। हालांकि स्थानीय स्तर पर अधिकारियों ने निलंबन की पुष्टि की है, लेकिन निलंबित पुलिस अधिकारियों का नाम स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि पुलिस सूत्रों की माने तो चंद्र भूषण कुमार सिंह, सोनी कुमारी, क्यूआरटी के रवि, पंकज, मुन्ना, अमित और दो अन्य समेत आठ का निलंबन किया गया है। निलंबित होने के साथ ही चंद्रभूषण कुमार ने सरकारी मोबाइल वरीय अधिकारियों को सौंप दिया। वहीं अपना प्रभार भी देकर चलते बने।

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थाने में पसरा रहा सन्नाटा

सीतामढ़ी : बुधवार की शाम पुलिस हिरासत में हत्या और लूट के आरोपितों की हुई मौत के बाद गुरुवार को डुमरा थाने में सन्नाटा पसरा रहा। थाने में केवल एक जमादार नजर आए। घटना की बाबत वह भी कुछ बोलने से बचते रहे।

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धरना पर बैठे थे परिजन, शव लेने से इन्कार

सीतामढ़ी : दंडाधिकारी की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के बीच सदर अस्पताल में चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने दोनों शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम बाद शव को परिजनों को सौंपने की पहल शुरू हुई। लेकिन परिजनों ने शव लेने के इन्कार कर दिया। कार्रवाई की मांग को लेकर मृतक गुफरान के पिता समेत परिजन सदर अस्पताल गेट पर धरना पर बैठ गए। रात डेढ़ बजे सदर अस्पताल पहुंचे डीआइजी ने कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शव सौंपा। इधर, दौरान गुफरान के पिता मुनव्वर अली का बयान दर्ज किया गया। उसके बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। वहीं पुलिसिया व्यवस्था के बीच शवों को रात दो बजे चकिया भेजा गया।

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आधी रात पहुंचे डीआइजी

सीतामढ़ी : घटना की सूचना मिलते ही बुधवार की रात आइजी नैयर हसनैन के निर्देश पर डीआइजी रवींद्र कुमार बुधवार की आधी रात सीतामढ़ी पहुंचे। इस दौरान वे सदर अस्पताल पहुंचे, जहां मृतक के परिजनों को हर हाल में इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया। डीआइजी ने कहा कि अगर पुलिसकर्मी दोषी होंगे तो उन्हें किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। डीआइजी ने एसपी, एसडीपीओ सदर और डीएसपी मुख्यालय से घटना की बाबत जानकारी ली। साथ ही एसपी से रिपोर्ट मांगा। गुरुवार को भी डीआइजी ने मामले की जांच की।

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यह है मामला

सीतामढ़ी : 20 फरवरी को सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर हाईवे के प्रेमनगर के पास लुटेरों ने लूट के दौरान मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र अंतर्गत जीवाजोर गांव निवासी सत्यनारायण साह के पुत्र राकेश कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी थी, वहीं उसकी बाइक लूट कर फरार हो गए थे। मामले में जोनल आईजी नैयर हसनैन खान ने त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया था। इसी मामले में मंगलवार को क्यूआरटी की टीम ने चकिया थाना पुलिस के सहयोग से रमडीहा गांव में छापेमारी कर गुफरान और तस्लीम को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तस्लीम के पास से पिस्टल भी बरामद किया था। तस्लीम पूर्व में हत्या और लूट के मामले में जेल जा चुका था। वह सजायाफ्ता था। कुछ समय पूर्व ही वह मोतिहारी जेल से निकला था। हालांकि गुफरान का कोई क्राइम इतिहास नहीं है। बताया गया है कि क्यूआरटी की टीम ने पूछताछ के लिए उसे डुमरा थाने के हाजत में रखा था। इस दौरान दोनों की पिटाई की गई। अधमरे अवस्था में दोनों को बुधवार की शाम 4.25 बजे सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने शाम 5 बजकर 5 मिनट पर गुफरान और 5.20 बजे तस्लीम को मृत करार दिया था। सूचना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने आक्रोश जताया था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने पोस्टमार्टम के पूर्व शव देखने से रोका था। लिहाजा परिजनों ने पोस्टमार्टम बाद शव लेने से इन्कार किया था, वहीं धरने पर बैठ गए थे।

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पुलिस हिरासत में हुई मौत की अल्पसंख्यक आयोग से उच्चस्तरीय जांच की मांग

सीतामढ़ी, संस: पुलिस हिरासत में दो मुस्लिम युवाओं हुई मौत निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जांच की मांग सीतामढ़ी संघर्ष समिति के अध्यक्ष शम्स शाहनवाज ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष जीएच. रिजवी से की है। शम्स ने कहा कि है कि सीतामढ़ी जिला के डुमरा थाना में पूर्वी चंपारण जिला के चकिया थाना के रमडीहा निवासी गुफरान तथा तस्लीम आलम की पुलिस हिरासत में संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है। पुलिस का कहना है कि इन दोनों युवाओं को हाईवे पर लूट एवं हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस पिटाई से इन दोनों की मौत हाोगई। शम्स ने इस संबंध में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्षजी एच रिजवी से ़फोन पर हुई बातचीत के बारे में बताया कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अध्यक्ष ने कहा कि मामला गंभीर है और निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। शम्स ने कहा कि सीतामढ़ी संघर्ष समिति यह मांग करती है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अपने स्तर पर दोनों ही मुस्लिम नौजवानों की पुलिस हिरासत में हुई मौत की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराए और उनके परिवारों को न्याय दिलाएं

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पुलिस हिरासत में दो आरोपितों की मौत पर एआइएमएम ने फूंका सीएम का पुतला

सीतामढ़ी, संस: डुमरा थाना में पुलिस की पिटाई से दो आरोपितों की हुई मौत के विरोध में ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआइएमएम) के युवा जिलाध्यक्ष हामिद रजा खान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने शहर के मेहसौल चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया। वहीं, दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर अविलंब गिरफ्तार कर सजा दिलाने की मांग की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार, डुमरा थाना प्रभारी व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। । युवा जिला महासचिव खुर्शीद आलम ने कहा कि जिस तरह सीतामढ़ी में पुलिस व बिहार सरकार का रवैया रहा है उससे अल्पसंख्यक सामुदाय में खौफ का माहौल है। पुतला दहन में युवा जिलाध्यक्ष फिरोज अहमद, नौशाद राइन, सुलतान साफी, दैयान रजा खान, अजमल रजा खान, महबूब आलम, रामबाबू राम, राजाराम कुशवाहा, समोद आलम, अमीर पठान, सद्दाम हुसैन, समीर राइन, अशरफ, मुस्लिम राइन, जफीर अंसारी, विनोद साह, आजाद खान, हाकिम खान, रेयाज राइन, निजाम, फैयाज अहमद एवं रहीम तूफानी आदि शामिल थे।

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पुलिस हिरासत में दो आरोपितों की मौत पर राजद ने निकाला कैंडिल मार्च सीतामढ़ी, संस: पूर्वी चंपारण जिले के चकिया से लूट व हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लाए गए दो आरोपितों की डुमरा थाना में हुई मौत को लेकर राजद कार्यकर्ताओं व नेताओं ने मेहसौल चौक मदनी मुसाफिरखाना से कारगिल चौक तक कैंडिल मार्च निकाल कर विरोध जताया। कैंडिल मार्च का नेतृत्व राजद जिलाध्यक्ष शफीक खान कर रहे थे। मार्च में शामिल संगठन के जिला प्रभारी सह प्रदेश प्रवक्ता विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहिन ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि सुशासन की सरकार में निकम्मी पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। जो गंभीर चिता का विषय है। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग की। पूर्व सांसद सीताराम यादव ने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए नीतीश सरकार पर जमकर प्रहार किया। कहा कि इस घटना से पुलिस की नाकामी उजागर हुई है। कैंडिल मार्च में पूर्व मंत्री सूर्यदेव राय, विधान पार्षद दिलीप राय, पूर्व विधायक नागेंद्र प्रसाद यादव, सहायक संगठन प्रभारी मनोज शर्मा, वरीय नेता मनोज कुमार, तारकेश्वर प्रसाद यादव, युवा राजद राष्ट्रीय महासचिव चंद्रजीत प्रसाद यादव, लक्ष्मी साह, नप के पूर्व अध्यक्ष जललुद्दीन खां, सन्नी श्रीवास्तव, दिलीप यादव, युवा अध्यक्ष रौशन यादव, नानपुर प्रमुख मुकेश यादव, सैफुल्लाह, विनोद यादव, सुरेंद्र प्रसाद यादव, आलमगीर, रामजीनिश प्रसाद यादव, ज्याउल्लाह, अमीरी राय, धर्मेंद्र यादव, इसरारूल हक, टूल्लू यादव, मुकेश पाल, कैलाश बिहारी यादव, गोविद यादव, बैद्यनाथ रमण, अरुण यादव, अरुण सिंह, रामनरेश सिंह, राजकिशोर सिंह कुशवाहा, नंदलाल यादव, सुनिल यादव, सोनू खान, गुलाम रसूल, रामनाथ यादव एवं रणविजय यादव आदि शामिल थे। दोषी पुलिसर्मियों पर हो हत्या का मुकदमा

सीतामढ़ी, संस: डुमरा थाना में पुलिस की पिटाई से दो आरोपितों की मौत पर राष्ट्रीय समता पार्टी सेकुलर के अध्यक्ष श्रीनिवास मिश्रा एवं जिला महासचिव सह वरीय अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस पर सवालिया निशान उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है। नेताओं ने दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर डीजीपी से कार्रवाई की मांग की है। वहीं, नीतीश कुमार से पूछा कि यही सुशासन है। जहां अल्पसंख्यक के साथ अमानवीय कुकृत्य किया जा रहा है। कहा कि पूर्व के वर्षों में भी भाकपा माले नेता बिकाउ साह की हत्या पुलिस ने इसी प्रकार की थी। उस हत्या के कई वर्ष बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। पार्टी नेता अवनीश मिश्रा ने भी जिले में बढ़ रहे अपराध व पुलिस गिरफ्तारी में मानवीय मूल्यों को तार-तार करने पर चिता व्यक्त की है। वहीं, हाजत में प्रताड़ित करने की न्यायिक जांच की मांग की है।

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सीएम-डीजीपी को पत्र

बैरगनिया(सीतामढ़ी): जिला जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बशीर अंसारी ने डुमरा थाना में हत्या और लूट के आरोपितों की मौत मामले में दोषी पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज करने की मांग मुख्यमंत्री और डीजीपी से की है। उन्होंने सीएम और डीजीपी को भेजे पत्र में डुमरा पुलिस पर अमानवीय व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी पुलिस वालों के विरुद्ध हत्या की एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है।


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