देवेंद्र सिंह, रुन्नीसैदपुर: भूमि विवाद में दबंगों का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया है। महिंदवारा के खरहुआ गांव में भूमि विवाद में दबंगों ने एक बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी। भूमि विवाद को लेकर आपसी संघर्ष व मारपीट की बात आम है।
भूमि विवाद में दबंगों की बर्बरता और हिंसक घटनाएं व्यवस्था को झकझोर रही हैं। जिले में हर शनिवार को थाना स्तर पर भूमि विवाद को लेकर अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष की मौजूदगी में जनता दरबार लगते रहे हैं, इसके बावजूद कत्लेआम नहीं रुक रहे हैं।
पहले भूमि विवाद में कत्ल होते हैं, फिर शुरू होती है केस-मुकदमा और धर-पकड़ की कार्रवाई और फिर आगे चलकर लोग इसे भूला बैठते हैं। इससे पहले भी महिंदवारा में भूमि विवाद में पूर्व मुखिया राघवेंद्र कुमार पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई। उनकी हत्या की कोशिश की गई थी। एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में किसी तरह उनकी जान बच सकी थी।
चार मार्च, 2020 को रुन्नीसैदपुर के रायपुर में भूमि विवाद में एक बुजुर्ग बिगू राम पीटकर मार डाला गया था। इस कांड में भी प्राथमिकी दर्ज हुई। पांच अप्रैल, 2021 को थाना क्षेत्र के प्रेमनगर गांव में भूमि विवाद में बहोरी टोला निवासी हरेंद्र दास की पत्नी उर्मिला देवी के गले में फंदा कसकर उसके अपनो ने ही मौत के घाट उतार दिया। इस घटना की प्राथमिकी भी दर्ज हुई, जो फाइलों में जाकर कैद हो गई है।
दो जुलाई, 2021 को खरपट्टी गांव में भूमि विवाद को लेकर नरेश महतो की पत्नी चांदनी देवी की हत्या तेज हथियार से गला रेतकर कर दी। बहरहाल, क्षेत्र में भूमि विवाद में हत्या की वारदात के कई मामले हैं। दो-तीन मामले तो महज बानगी भर हैं।
भूमि विवाद को सुलझाने को लेकर शासन-प्रशासन बेशक गंभीर है। अंचल अधिकारी व स्थानीय थानाध्यक्ष को संयुक्त रूप से जमीनी स्तर पर विवाद को सुलझाने की जबावदेही सौंपी गई है। शनिवार को थाने में जनता दरबार लगाकर ऑन द स्पॉट उनकी परेशानी को दूर करना है।
सरकारी दस्तावेज गवाह है कि जनता दरबार में रुन्नीसैदपुर व महिंदवारा को मिलाकर प्रति शनिवार करीब डेढ़ दर्जन से अधिक नए मामले दर्ज हो रहे हैं। प्रत्येक शनिवार को थाने में भीड़ सी लगी रहती है। लेकिन, नतीजा
वही ढ़ाक के तीन पात
वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है।