सड़क व ¨सचाई की सुविधा को तरस रहा सहियारा गांव
बथनाहा प्रखंड मुख्यालय से 16 किलोमीटर पर अवस्थित सहियारा गांव स्वयं पंचायत भी है।
सीतामढ़ी। बथनाहा प्रखंड मुख्यालय से 16 किलोमीटर पर अवस्थित सहियारा गांव स्वयं पंचायत भी है। करीब साढ़े तीन किलोमीटर की परिधि में फैला है। इस गांव में 90 फीसद लोग कृषि पर आश्रित हैं। गांव के लोग आज भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। वे समस्याओं से जूझने को विवश हैं। दैनिक जागरण की ओर से गांव की पाती अभियान के तहत शुक्रवार को सहियारा गांव में मुखिया के आवास पर चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें शामिल ग्रामीणों ने समस्याओं के बारे में खुलकर अपनी बात रखी। ग्रामीणों ने कहा कि खेती पर आश्रित होने के बाद भी उन्हें सरकार द्वारा राजकीय नलकूप की सुविधा उपलब्ध नहीं है। लोगों को महंगे दर पर निजी पंप सेट से फसलों की ¨सचाई करनी पड़ती है। सड़क की जर्जर स्थिति के कारण ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। वर्ष 1993 -94 में निर्मित ग्रामीण सो¨लग सड़क जगह-जगह ध्वस्त हो चुकी है। बरसात के समय इन सड़कों पर जगह-जगह जल जमाव से आवागमन में भारी परेशानी है। ग्रामीणों ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय की दूरी 16 कि.मी. होने के कारण किसी कार्य के लिए वहां जाने-आने में भारी परेशानी होती है। वर्षों पूर्व गांव के समीप से गुजरने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़कों का हाल भी बेहाल हो चुका है। लोगों ने प्रखंड की दूरी के कारण सरकारी योजनाओं की जानकारी के अभाव में इसके लाभ से वंचित रहने की बात उठाई। गांव में हाई स्कूल नहीं होने से बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी झेलनी पड़ती है। यहां के छात्रों को 15 -20 किलोमीटर दूर दूसरे गांव के हाई स्कूल में पढ़ने की मजबूरी है। लड़के तो किसी तरह यह दूरी तय कर पढ़ाई कर लेते हैं लेकिन लड़कियों को इससे वंचित रहना पड़ता है। छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती है। गांव में विद्युतीकरण किया गया है लेकिन कई वार्ड आज भी बिजली की सुविधा से वंचित हैं। जहां बिजली पहुंची है वहां भी लोग हर दिन बिजली की अनियमित आपूर्ति से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि किसानों के सिचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकारी नलकूप लगाया जाना चाहिए। गांव के समीप से गुजरने वाली सोरम नदी की उड़ाही कराई जानी चाहिए । ताकि नदी के पानी से किसान समय पर अपनी फसलों की सिचाई कर सके । गांव में आयुष्मान भारत के तहत वर्षों से बंद पड़े स्वास्थ केंद्र का जीर्णोद्धार किया गया। डॉक्टरों की नियुक्ति भी की गई पर संसाधन के अभाव में स्वास्थ्य केंद्र से समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोगों ने चौपाल में आवास योजना, विभिन्न पेंशन योजना का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ वास्तविक लाभार्थियों को उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग जिला प्रशासन से की है। चौपाल में किसान धनिपत महतो, कृतलाल राय, दिनेश सहनी, चेता सहनी, बहादुरी देवी, भैरव राम, परीक्षण मंडल, विफई मियां सहित दर्जनों ग्रामीण शामिल थे । बयान :::
अपने कार्य काल में पंचायत को ओडीएफ घोषित कराया। 240 गरीब, लाचार लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया गया। आधा दर्जन ग्रामीण सड़कों पर मिट्टी भराई तथा ईंट सो¨लग की गई। दलित महादलित परिवारों के घरों के पास मिट्टी भराई व सात निश्चय योजना के तहत घर- घर नल का जल की सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य तेजी से चल रहा है। प्राथमिकता के आधार पर पंचायत में विकास कार्य किया जाएगा। आबादी के आधार पर सहियारा थाना क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए सहियारा को प्रखंड बनाने की मांग सरकार से की गई है।
--रेखादेवी
मुखिया, सहियारा पंचायत।
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