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स्वच्छता अभियान हुआ हवा-हवाई, गंदगी से पटा मेजरगंज बाजार

सीतामढ़ी। स्वच्छता अभियान के तहत लाखों खर्च कर स्वच्छता अभियान के बावजूद मेजरगंज प्रखंड मुख्यालय एवं मेजरगंज बाजार की स्थिति नारकीय बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 12:35 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 06:34 AM (IST)
स्वच्छता अभियान हुआ हवा-हवाई, गंदगी से पटा मेजरगंज बाजार
स्वच्छता अभियान हुआ हवा-हवाई, गंदगी से पटा मेजरगंज बाजार

सीतामढ़ी। स्वच्छता अभियान के तहत लाखों खर्च कर स्वच्छता अभियान के बावजूद मेजरगंज प्रखंड मुख्यालय एवं मेजरगंज बाजार की स्थिति नारकीय बनी हुई है। दूसरी ओर सात निश्चय योजना के तहत साफ सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद प्रखंड मुख्यालय की स्थिति ही बद से बदतर है। स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान के बावजूद न लोगों का व्यवहार बदला और न इसकी तस्वीर बदली। मेजरगंज प्रखंड मुख्यालय के चारों तरफ नाले में जलजमाव एवं कूड़े-कचरे भरे होने के कारण सड़क पर नाले की पानी बह रहा है। लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है। जगह-जगह नाला का अतिक्रमण कर दुकानें खोल लेने से नाला जाम हो गया है। जिससे नाला का पानी सड़क पर बहता रहता है। जबकि मेजरगंज डुमरी पथ में स्थित गुदरी बाजार की स्थिति सबसे नारकीय है। हल्की बारिश में ही जल जमाव और गंदगी का अंबार लग जाता है। कूड़ा-कचरा के सरांध एवं जल जल जमाव के कारण संक्रमण बीमारी होना लाजमी है। मेजरगंज बाजार सब्जी बाजार की बोली लाखों रुपये में लगती है। सीमावर्ती नेपाल सहित आस पड़ोस के सैकड़ों किसान व व्यापारी यहां पहुंचकर अपनी सब्जी मछली मांस एवं अन्य सामग्री बेचते हैं लेकिन बाजार में न तो मांस मछली बेचने के लिए अलग से व्यवस्था है और न ही फुटकर विक्रेताओं के लिए मंडी। जिस कारण लोग भूमि पर प्लास्टिक बिछाकर अपनी दुकान सजाते हैं। हल्की बारिश में कीचड़ एवं नाले में बाजार की गंदगी व जलजमाव में बैठी मक्खियां संक्रमण को खुली चुनौती दे रही है। आश्चर्य है कि लाखों रुपये के राजस्व आने के बाद भी न तो स्थानीय प्रशासन और ना स्वास्थ्य विभाग का इस पर कोई नजर है। आलम यह है कि लोग इस नारकीय स्थिति में जिदगी जीने को विवश हैं। उप प्रमुख मनोज कुमार बताते हैं कि बाजार समिति से लाखों रुपए की राजस्व प्राप्त होती है। साफ सफाई के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए। लेकिन यह सिर्फ कागजी कार्रवाई तक बनकर रह गई है। स्थानीय निवासी रविदर सिंह बताते हैं मेजरगंज बाजार में जल जमाव होने के कारण एवं नाला उड़ाही नहीं होने के कारण सड़क पर गंदी नाली की पानी बह रहा है और नाले पर अतिक्रमण कर लिया गया है। जिस कारण जलजमाव की समस्या एक बड़ी चुनौती है। भाजपा जिला मंत्री रामाधार महतो बताते हैं कि नाले की उड़ाही एवं बाजार के समीप गंदगी के लिए कई बार स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखा गया है। बावजूद कार्रवाई ना होना दुखद है। वे शीघ्र ही जिलाधिकारी से मिलकर इस समस्या से अवगत कराएंगे तथा उनसे इस पर अपने स्तर से पहल करने की मांग करेंगे। नीरज रस्तोगी बताते हैं कि जल प्रदूषण एवं कूड़े की गंदगी के कारण सबसे ज्यादा कठिनाई स्कूली छात्र-छात्राओं को होती है। उन्हें पैदल जाने में गंदी नाली से बहती पानी को पार करना होता है। प्रखंड मुख्यालय के सामने वर्षों से जलजमाव पर स्थानीय अधिकारियों की नजर तक नहीं जा रही है जो दुखद है। पूर्व मुखिया प्रभाकर चौधरी बताते हैं कि सड़क के किनारे अतिक्रमण के कारण नाला जाम हो गया है जिस कारण पानी का बहाव अवरुद्ध है। पूर्व सीओ अमरनाथ चौधरी द्वारा लोगों के पहल पर अतिक्रमण मुक्त कराया गया था पर उनके तबादले के साथ ही चारों तरफ फिर से अतिक्रमण बदस्तूर जारी है।

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इस संबंध में अंचलाधिकारी चंदन कुमार ने बताया कि शीघ्र ही अतिक्रमणकारियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। नाला की उड़ाही कराई जाएगी और साफ-सफाई की दिशा में आवश्यक कदम उठाया जाएगा। बाजार को स्वच्छ रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है।


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