वार्ड-26 में बनते ही खुदने लगी सड़क, विवाद में अटका निर्माण
सीतामढ़ी। शहर की सड़कों की पड़ताल में निर्माण में मनमानी की पोल खुल जाती हैं। कहीं नगर परिषद ने विभागीय स्तर पर सड़क बनवाई तो कहीं जनप्रतिनिधियों के कोष से बनी।
सीतामढ़ी। शहर की सड़कों की पड़ताल में निर्माण में मनमानी की पोल खुल जाती हैं। कहीं नगर परिषद ने विभागीय स्तर पर सड़क बनवाई तो कहीं जनप्रतिनिधियों के कोष से बनी। अधिकतर सड़कों में ठेकेदारों के 'खेल' ने सड़क का बंटाधार करके रख दिया है। कई सड़कें निर्माण के साथ टूटने लगी हैं। सड़क का ठेका लेने के पहले ठेकेदार एकरारनामे पर हस्ताक्षर करते हैं नियत समय के पहले सड़कें फिर भी टूट रही हैं। सड़क की 'आयु' निर्धारण का कोई मतलब नहीं रह गया है। हैरत की बात यह भी कि समय से पहले सड़क टूटने के बाद कोई उसकी सुध नहीं लेता। आखिरकार आम लोगों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। दो माह में बनने वाली सड़क दो वर्ष में पूर्ण नहीं
शहर के वार्ड 26 में गत वर्ष अनिल सिंह के घर से बुटन सिंह के घर तक सड़क का निर्माण हुआ। सड़क व नाला निर्माण के लिए 2017 में सात लाख 61 हजार तीन सौ रुपये की निविदा निकली। दो माह में कार्य पूर्ण करना था दो वर्ष में पूर्ण नहीं हो सका है। बताया जाता है कि संवेदक यह कार्य बीच में ही छोड़ चले। जो नाला बना उसका कुछ भाग टूटने लगा है। यह सड़क मुख्य सड़क को प्रतापनगर को जोड़ती है। इस सड़क से करीब पांच हजार लोगों की रोजाना आवाजाही होती है। उम्मीद जगी थी कि सड़क और नाला बनने से हम लोगों को सहूलियत होगी। मगर आधा-अधूरा निर्माण से परेशानी और अधिक बढ़ गई है।
-संजय सिंह सड़क तो पूर्ण हुई नहीं लेकिन, उसकी गिट्टी तक ऊखड़ लगी है, नाला भी टूटने लगा है। स्थिति पहले से भी अधिक खराब हो चुकी है।
-चिकू सिंह अधूरा निर्माण से हम सबकी परेशानी बढ़ गई है। बरसात का मौसम छोड़कर बाकी के समय में इस सड़क से आवागमन फिर भी निर्विघ्न होता था।
-लक्ष्मण कुमार इस संबंध में प्रशासन को कई बार आवेदन दिए गए। लेकिन अब तक केवल आश्वासन के सिवाय और कुछ नहीं मिल सका
-रवि कुमार कोट
उक्त सड़क की बदहाली की जानकारी है। कुछ स्थानीय लोगों के विवाद के कारण सड़क का कार्य बाधित हो गया था। इसे पूर्ण करने के लिए एक सप्ताह में कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
- दीपक कुमार झा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, सीतामढ़ी।
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