30 घंटे बाद रीगा चीनी मिल मजदूरों की हड़ताल समाप्त
करीब 30 घंटे बाद रीगा चीनी मिल वर्क्स यूनियन की हड़ताल गुरुवार सुबह छह बजे समाप्त हो गई।
सीतामढ़ी। करीब 30 घंटे बाद रीगा चीनी मिल वर्क्स यूनियन की हड़ताल गुरुवार सुबह छह बजे समाप्त हो गई। चीनी मिल वर्कर्स यूनियन की अधिकतर मांगों को प्रबंधन ने मान लिया है। समझौते के बाद सभी कर्मचारी काम पर लौटे आए। इस संबंध में श्रम अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों से अलग-अलग बात की और दोनों पक्षों को एक मंच पर लाकर समझौता कराया। अब श्रमिकों को कोई शिकायत नहीं है। प्रबंधन ने भी अपने रूख में परिवर्तन करते हुए मजदूरों की अधिकांश मांगों को मान लिया। उन्होंने बताया कि एकाएक मिल बंद हो जाने से किसानों को आर्थिक रूप से भारी घाटे का सामना करना पड़ता। प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव पर प्रबंधन को मजदूरों की मांग माननी पड़ी। जिला प्रशासन की तरफ से एसडीओ सदर मुकुल कुमार गुप्ता व श्रम अधीक्षक मनीष कुमार ने यूनियन कार्यालय में आकर श्रमिकों से बातचीत की। पता चला कि प्रबंधन जानबूझकर यूनियन को समाप्त करने के लिए मजदूरों पर दबाव दे रहा था कि वे लोग प्रबंधन समर्थित यूनियन में शामिल हो जाएं। लेकिन, इसके लिए मजदूर तैयार नहीं हुए। इसी बात को लेकर प्रबंधन समझौता नहीं कर रहा था। जिला मुख्यालय से पहुंचे अधिकारियों ने मिल नहीं चली तो इसकी पूरी जवाबदेही प्रबंधन की होने की बात कही। इसके बाद मिल के अध्यक्ष अमर शर्मा मजदूर यूनियन से बातचीत करने को राजी हो गए। रातभर चली बातचीत के बाद प्रबंधन इस बात पर राजी हो गया कि मजदूरों का बकाया ओवरटाइम रिटेनिग बोनस नियमानुसार दे दिया जाएगा। समझौते के बाद किसानों के बीच प्रसन्नता फैल गई। ईंख उत्पादक संघ के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह, संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के नेता डॉ आनंद किशोर ने समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति होनी ही नहीं चाहिए थी। प्रबंधन को समय रहते मजदूरों से बात कर मामले को पहले ही सुलझा लेना चाहिए था।
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