Move to Jagran APP

मजहब के पचड़े में पड़ना मानवता का धर्म नहीं ..

जिले में साहित्यिक चेतना का वाहक अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में शनिवार की शाम काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 11:52 PM (IST)
मजहब के पचड़े में पड़ना मानवता का धर्म नहीं ..
मजहब के पचड़े में पड़ना मानवता का धर्म नहीं ..

सीतामढ़ी । जिले में साहित्यिक चेतना का वाहक अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में शनिवार की शाम काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। संगठन के जिलाध्यक्ष मुरलीधर झा मधुकर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में कवियों ने राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सदभाव, आपसी प्रेम व धर्म - अध्यात्म से लबरेज कविताएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम का आगाज साहित्यकार डॉ. अवधेश अरुण की रचना' मन मंदिर को है जिसने झांका नहीं' से हुआ। राम बाबू ¨सह ने सामाजिक सदभाव को समर्पित रचना ' मजहब के पचड़े में पड़ना मानवता का धर्म नहीं है' और रामकिशोर ¨सह चकवा ने 'सवा सौ करोड़ की आबादी में कोई तो सपूत बन जा' सुना कर खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम को ऊर्जा प्रदान करते हुए चर्चित शायर तौहीद अश्क ने अपनी रचना 'अपनी जुल्फों में कैद करके घटाओं का गरूर, मचलता जोश का सावन तलाश कर लाओ' और जितेंद्र झा आजाद ने डर के साये में जीना ¨जदगी की हार है' सुनाकर महफिल को गति दी। गजल की दुनिया में अपनी बेहतर पहचान रखने वाले वरिष्ठ साहित्यकार उमाशंकर लोहिया ने 'आदमी में आदमी का खो गया है आदमी' और मुरलीधर झा मधुकर ने 'शांति धरती पर कायम रहे, इसकी खुद से ही शुरुआत हो' प्रस्तुत किया। रामचंद्र जानकी शरण ने धर्म अध्यात्म पर आधारित रचना ' दसों दिशाएं सुनले मेरी बात अनमोल' और बच्चा प्रसाद विह्वल ने सदभाव पर 'चंद सिरफिरों में जो नहीं गिनता है अपना नाम, वही सदभाव तोड़ने का करता है हर वक्त काम' प्रस्तुत किया। श्रृंगार रस के चर्चित कवि रामशंकर मिश्र ने ' ये क्या गजब किया कि दीवाना बना दिया' और पत्रकार व कवि बाल्मीकि कुमार ने सत्ता व व्यवस्था पर प्रहार करते हुए अपनी रचना ' कैसी आजादी पायी है भारत के रखवालों ने, संसद को जागीर समझ बैठा है सत्ता वालों ने' प्रस्तुत कर भरपूर तालियां बटोरी। सुरेश कुमार वर्मा ने पारिवारिक रिश्तों में मां और पिता की अहमियत रू-ब-रू कराया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.