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बर्निंग ट्रेन बनने से बची रक्सौल-दरभंगा फास्ट पैसेंजर: लोको पायलट ने अचानक लगाया ब्रेक, कूदकर भागे यात्री

Sitamarhi Train Accident Averted सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड के बैरगनिया-ढेंग रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। रक्सौल-दरभंगा फास्ट पैसेंजर 05208 के ड्राइवर ने अपनी सूझ-बूझ से हादसे को टालकर बहादुरी का परिचय दिया। ट्रेन में अचानक ब्रेक लग जाने से यात्री भय और दहशत में आ गए।

By Vijay K KumarEdited By: Prateek JainPublished: Tue, 23 May 2023 10:26 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2023 10:26 PM (IST)
बर्निंग ट्रेन बनने से बची रक्सौल-दरभंगा फास्ट पैसेंजर: लोको पायलट ने अचानक लगाया ब्रेक, कूदकर भागे यात्री
बर्निंग ट्रेन बनने से बची रक्सौल-दरभंगा फास्ट पैसेंजर: लोको पायलट ने अचानक लगाया ब्रेक, कूदकर भागे यात्री

बैरगनिया (सीतामढ़ी), संवाद सहयोगी: सीतामढ़ी-रक्सौल रेलखंड के बैरगनिया-ढेंग रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची। रक्सौल-दरभंगा फास्ट पैसेंजर 05208 के ड्राइवर ने अपनी सूझ-बूझ से हादसे को टालकर बहादुरी का परिचय दिया।

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ढेंग स्टेशन मास्टर अरुण कुमार ने बताया कि गाड़ी पूरी रफ्तार से बैरगनिया से खुलकर ढेंग स्टेशन के लिए चली थी। इसी बीच आंधी-पानी शुरू हुआ और ट्रैक के किनारे वाले एक पेड़ की डाली टूटकर उस हाई टेंशन तार (जिससे इलेक्ट्रिक ट्रेन चलती है) पर आ गिरा।

पेड़ टूटकर तार पर गिरा तो जोरदार धमाके की आई आवाज

हरा पेड़ टूटकर तार पर गिरते ही जोरदार आवाज हुई और आग धधकने लगी। सामने ट्रैक के ऊपर लगी आग को देखकर लोको पायलट ने तेज रफ्तार गाड़ी में तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगा दि‍या और सूझ-बूझ से ट्रेन को अपने काबू में कर लिया।

ट्रेन में अचानक ब्रेक लग जाने से यात्री भय और दहशत में आ गए। बोगियों के अंदर अफरा-तफरी मच गई, ले‍किन तब तक ट्रेन पूरी तरह रूक गई थी। ट्रेन के रूकते ही यात्री कूदने लगे और वहां भगदड़ मच गई। ट्रेन के गार्ड ने वॉकी-टॉकी से नजदीकी स्टेशन को सूचित किया।

यह हादसा मंगलवार सुबह लगभग 6:30 बजे के आस-पास का है। स्टेशन तुरंत हरकत में आया और उस तार से बिजली की आपूर्ति काट दी गई। इसके बाद रेलकर्मियाें व यात्रियों की सहायता से बिजली के तार पर गिरे पेड़ को अलग किया गया। फिर तार को दुरुस्त किया गया।

आधे घंटे से ज्‍यादा देर तक रुकी रही ट्रेन

इस प्रकार गाड़ी वहां करीब आधे घंटे से ज्यादा समय तक रुकी रही। स्थानीय लोगों रमेश सिंह, शिक्षक मनोहर सिंह, राधा सिंह ने बताया कि अगर ट्रेन के लोको पायलट ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय नहीं दिया होता तो ट्रेन बर्निंग ट्रेन बन जाती और इस प्रकार बड़ा हादसा हो सकता था।


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