बिहार के रामप्रवेश ठाकुर बने आंध्रप्रदेश के डीजीपी, जानिए इंजीनियर से IPS का सफर
बिहार के रहने वाले रामप्रेवश ठाकुर आंध्र प्रदेश के डीजीपी बने हैं। इससे पूर्व आंध्रप्रदेश में एंटी करप्शन विभाग के डीजी थे। वे 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं।
सीतामढ़ी [जेएनएन]। बिहार के सीतामढ़ी जिले के के एक लाल ने सूबे का मान बढ़ाया है। चोरौत प्रखंड के अमनपुर गांव निवासी रामप्रवेश ठाकुर को शनिवार को आंध्रप्रदेश सरकार ने डीजीपी बनाया है। इससे यहां हर्ष की लहर है। मित्रों के बीच आरपी के नाम से विख्यात रामप्रवेश ठाकुर डीजीपी बनने से पूर्व आंध्रप्रदेश में एंटी करप्शन विभाग के डीजी थे। वे 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं।
अमनपुर निवासी सेवानिवृत्त अंकेक्षक रामदेव ठाकुर के इकलौते पुत्र राम प्रवेश ठाकुर की प्रारंभिक शिक्षा सुरसंड प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बखरी में हुई थी। मैट्रिक की शिक्षा ननिहाल रीगा प्रखंड के बभनगामा हाईस्कूल से ली। आइआइटी कानपुर से बीटेक कर रेलवे में इंजीनियर की नौकरी की। ट्रेनिंग समाप्त होते ही यूपीएससी की परीक्षा पास की। इसके बाद रेलवे की नौकरी छोड़ आइपीएस ज्वाइन कर ली।
आंध्रप्रदेश कैडर में वह एसपी से लेकर एंटी करप्शन के डीजी और अब डीजीपी बने हैं। मां आशा देवी का निधन हो चुका है। दो बहनों की शादी हो चुकी है। पटना के महेंद्रू में आरपी ठाकुर की ससुराल है। पत्नी अमिता देवी गृहिणी है। वह विजयवाड़ा में एक कॉलेज में पार्ट टाइम जॉब के तहत पढ़ाती हैं। पुत्र उत्कर्ष ठाकुर अमेरिका में मैकेनिकल इंजीनियर हैं। पुत्री अदिति ठाकुर मुंबई में लॉ की पढ़ाई कर रही हैं।
रामप्रवेश ठाकुर पिता व पत्नी के साथ आंध्रप्रदेश में रहते हैं। गांव में पुश्तैनी मकान व खेती की जमीन है। यदा-कदा गांव भी आते रहते हैं। उनके भांजे सुरसंड प्रखंड के हनुमाननगर निवासी अविनाश कुमार ने बताया कि ईमानदार अधिकारी के होने के कारण आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें डीजीपी बनाया है। वहीं, चचेरे भाई शिक्षक राम अनेक ठाकुर व किसान साधु शरण ठाकुर ने बताया कि रामप्रवेश ठाकुर ने न केवल गांव, बल्कि जिला व बिहार का नाम रोशन किया है।