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जर्जर सड़कों का खामियाजा भुगत रहे ठिकहा मझौर गांव के लोग

नानपुर प्रखंड का ठिकहा मझौर गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 12:41 AM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 12:41 AM (IST)
जर्जर सड़कों का खामियाजा भुगत रहे ठिकहा मझौर गांव के लोग
जर्जर सड़कों का खामियाजा भुगत रहे ठिकहा मझौर गांव के लोग

सीतामढ़ी। नानपुर प्रखंड का ठिकहा मझौर गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। इस गांव में सड़क, बिजली, स्वच्छ जल, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है। कहने को तो इस गांव से होकर एनएच 122 ए गुजरता है, लेकिन जर्जर हालत के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। दैनिक जागरण के गांव की पाती अभियान के तहत गांव में चौपाल का आयोजन किया गया। इसमें शामिल ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं पर खुलकर चर्चा की। कहा कि इस गांव में दो राजकीय नलकूप है, लेकिन पदाधिकारी की लापरवाही व बिजली नहीं मिलने के कारण ठप है। इस कारण किसान निजी बो¨रग पर आश्रित हैं। इस गांव में उच्च विद्यालय और अस्पताल का भी अभाव है। पंचायत भवन भी जर्जर स्थिति में है। नसीर ने बताया कि इस गांव में बिजली की स्थिति बहुत खराब है। कुछ लोगों को बिजली की सुविधा उपलब्ध है, जबकि अधिकतर लोग इससे वंचित हैं। कहीं पोल टूटा हुआ है तो कहीं तार लटका हुआ है। पंचायत के मुखिया के अथक प्रयास से विद्युतीकरण का कार्य शुरू हुआ है। ग्रामीण पप्पू पासवान ने बताया कि इस गांव की कुछ सड़कों को छोड़कर सभी सड़कें जर्जर हैं। कई जगहों पर सड़क का अतिक्रमण भी कर लिया गया है। मझौर से बलुआ टोला होते हुए नानपुर जानेवाली सड़क, मझौर हनुमान मंदिर चौक से डोरपुर जाने वाली और ठिकहा से सिरसी जानेवाली सड़क आज भी कच्ची और जर्जर है।

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मुकेश कुमार ठाकुर ने कहा कि यहां एक भी बैंक की शाखा नहीं है। इस कारण वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों को काफी परेशानी होती है। श्रीनारायण ¨सह ने बताया कि गांव के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा का कोई साधन नहीं है। इलाज के लिए नानपुर या पुपरी जाना पड़ता है। हासिम ने कहा कि गांव में एक भी उच्च विद्यालय की स्थापना नहीं होने के कारण छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए पुपरी, जानीपुर या खरका जाना पड़ता हैं जो काफी कष्टदायक होता है। लड़के तो किसी तरह चले जाते हैं, लेकिन लड़कियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं।

शमीम ने बताया कि इस गांव में एक पंचायत भवन भी है जो जर्जर और क्षतिग्रस्त है। पंचायत सरकार भवन बनाने के लिए मुखिया द्वारा जमीन उपलब्ध कराकर कई बार डीएम को अवगत कराया गया है, लेकिन अबतक नहीं बन सका है। इस गांव में पदस्थापित पंचायत सचिव, इंदिरा आवास सहायक, किसान सलाहकार, रोजगार सेवक, विकास मित्र नहीं आते हैं। इनसे कार्य कराने के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। कुंदन ¨सह ने कहा कि मझौर चौक पर पूर्व मंत्री स्व.शाहिद अली खान द्वारा स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी, लेकिन बिजली के अभाव में शोभा की वस्तु बनी है।

रहमत अली ने बताया कि इस गांव हीं नहीं मझौर पंचायत को एक साल पूर्व खुले में शौचमुक्त घोषित किया गया। शौचालय निर्माण सभी लोगों ने कराया। बावजूद अब तक बड़ी संख्या में लोग प्रोत्साहन राशि से वंचित हैं। अब्दुल कादिर ने कहा कि इस पंचायत में 512 लोगों का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत है, लेकिन अबतक 80 लोगों को ही आवास योजना की प्रथम किस्त की राशि मिली है। शेष लोग इससे वंचित हैं। अंसार ने बताया कि जनवितरण प्रणाली में भी भारी धांधली है। विक्रेता द्वारा समय पर राशन नहीं दिया जाता है। जब मिलता भी है तो अनाज कम और दाम अधिक वसूला जाता है। चौपाल में नसीर,पप्पू पासवान, हासिम, शमीम, आशिकी, रहमत अली, कुंदन ¨सह, श्रीनारायण ¨सह, हाजी शाहिद, अब्दुल कादिर, अमजद,आलम,वसीम अकरम एवं निजाम सहित कई ग्रामीण शामिल थे। बयान :::

पंचायत में सामाजिक सछ्वाव और सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित हूं। राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं में राशि नहीं मिलने के कारण पंचायत का समुचित विकास संभव नहीं हो पा रहा है। इस पंचायत में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य उच्च शिक्षा सहित अन्य समस्याओं के निदान में लगा हूं, इसमें सफलता भी मिली है। मैं पंचायत का सर्वांगीण विकास कराकर ही दम लूंगा।

--- मो. सऊद, मुखिया।


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