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किसानों की हालात में सुधार को बड़े आंदोलन की जरूरत: डॉ.सुनीलम्

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के संस्थापक नेता व मध्य-प्रदेश के पूर्व विधायक डॉ.सुनील ने कहा कि किसानों की हालात में सुधार के लिए देश में बड़े आंदोलन की जरूरत है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 11:21 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 11:21 PM (IST)
किसानों की हालात में सुधार को बड़े आंदोलन की जरूरत: डॉ.सुनीलम्
किसानों की हालात में सुधार को बड़े आंदोलन की जरूरत: डॉ.सुनीलम्

सीतामढ़ी। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के संस्थापक नेता व मध्य-प्रदेश के पूर्व विधायक डॉ.सुनील ने कहा कि किसानों की हालात में सुधार के लिए देश में बड़े आंदोलन की जरूरत है। 30 नवंबर को संसद पर पहली बार देश के 203 किसान संगठन एकजुट होकर प्रदर्शन करेंगे। ताकि संसद में सरकार किसानों को कृषि उत्पाद का लाभदायक मूल्य तथा कर्ज मुक्ति बिल पास करने पर विवश हो जाए। वे शनिवार को संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के 18वें स्थापना दिवस पर शहर के लक्ष्मी उच्च विद्यालय के सभागार में भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के तत्वावधान में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोर्चा के अध्यक्ष रामतपन ¨सह ने की। उन्होंने कहा कि किसानों के बजट में कटौती की जाती है। देश में 65 फीसद किसान हैं, लेकिन उन्हें बजट का डेढ़ फीसद भी नहीं मिलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गिरते ग्राफ से बेचैन होकर गैर लोकतांत्रिक निर्णय लेकर जन आंदोलन को न्योता दे रहे हैं। विशिष्ट अतिथि जय किसान आंदोलन व स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय नेता प्रो.सोमनाथ त्रिपाठी ने कहा कि सरकार अपनी असफलता छिपाने के लिए आम लोगों को मुद्दे से भटकाती रहती है। किसानों को जाति, धर्म तथा क्षेत्र से पचड़ों से अलग हटकर अपने हक के लिए एकजुट होकर आंदोलन को तेज करना होगा। आज देश में कॉरपोरेट मीडिया भी किसानों की आवाज को दबा रही है। राजनेताओं ने हमें किसान नहीं रहने दिया, जाति में बांट दिया है। मोर्चा के संरक्षक डॉ.आनंद किशोर ने बिहार के किसानों के संकट पर 16 सूत्री प्रस्ताव पर प्रकाश डाला। इसमें कृषि उत्पाद का डेढ़ गुना दाम, कर्ज मुक्ति, उत्तर बिहार की नदियों का जल प्रबंधन, फसलों की खरीदारी व एमएसपी से कम पर खरीद पर गैर कानूनी घोषित करने, गन्ना किसानों के बकाये 110 करोड़ का भुगतान व किसान पेंशन योजना आदि शामिल हैं। यह प्रस्ताव केंद्र और राज्य सरकार को भेजा जाएगा। मांगें पूरी नहीं होने पर सीतामढ़ी समाहरणालय पर धरना व घेराव किया जाएगा। सम्मेलन में जय किसान के प्रदेश नेता शिवजी ¨सह, समान शिक्षा के पैरोकार आनंद पटेल, मुकेश कुमार, राजेंद्र सिन्हा, शंकर मंडल, आफताब अंजुम, पूसा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व सिनेटर डॉ.भूपेंद्र नारायण ¨सह, इंदिरा ¨सह, चंदेश्वर नारायण ¨सह, शाहिद अंसारी, डॉ.गो¨वद ठाकुर, हरिओम शरण, अरुण कुमार ¨सह, विजय कुमार ¨सह, ताराकांत झा, जीवनाथ साफी व मुकेश कुमार मिश्र सहित अन्य मौजूद थे।

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