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रमजान में नमाज का मिलता है बड़ा सबाब

मौलाना मो. मोश्ताक(हजरत) ने कहा कि रोजा इस्लामी महीना रमजान में फर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 May 2018 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 12:29 AM (IST)
रमजान में नमाज का मिलता है बड़ा सबाब
रमजान में नमाज का मिलता है बड़ा सबाब

सीतामढ़ी। मौलाना मो. मोश्ताक(हजरत) ने कहा कि रोजा इस्लामी महीना रमजान में फर्ज किया है। अल्लाह ताला ने इससे पहले वालों पर भी रोजा फर्ज किया था। रोजा में परहेजगार बनें। इबादत गुजार बनें। रोजा रखने के साथ हर बुरे काम, बेहयाई बात से दूर रहकर अच्छी नीयत के साथ जो रोजा रखता है अल्लाह ताला के यहां उसके लिए बड़ा मकाम है। रोजा में नमाज का बड़ा सबाब मिलता है। जकात निकालने का उससे भी ज्यादा सबाब है। इसलिए ये महीना खैरो बरकत की चीज है। इस महीने ज्यादा रहमत उतरती है । तरन्नुम आरा ने कहा कि दादी, अम्मी को देखकर मैं भी रोजा रखती हूं । रोजा रखने से अल्लाह ताला जन्नत देते हैं।

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अकरम ने कहा कि पहला व अंतिम रोजा रखना जरूरी है। बच्चे को अल्लाह इसी में पूरा राज हो जाता है। रमजान महीने में सभी को मिल जुलकर रहना चाहिए।

शोला खातून ने कहा कि रमजान में रोजा रखने से सबाब होता है। खास कर शाम को रोजा सबके साथ तोड़ने से आपस में प्रेम बढ़ता है। यह महीना में अल्लाह ताला परीक्षा लेते हैं।

आसमीन खातून के मुताबिक, यह महीना रमजान का है। आपसी प्रेम व भाईचारा का महीना है। भीषण गर्मी के बावजूद अब तक पांच रोजा किया है। यह भाईचारा व आपसी सौहार्द का महीना है।


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