मुखिया पति की गुंडई, सामाजिक कार्यकर्ता को मौत के घाट उतारा, दो को पीटा
मुखिया पति ने घोटाले का पर्दाफाश करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी और उसकी पत्नी और बच्चों को भी बेरहमी से पीटा। घटना के बाद इलाके में तनाव है।
सीतामढ़ी [जेएनएन]। जिले के सुप्पी प्रखंड की अख्ता पूर्वी पंचायत के अख्ता गांव में बुधवार की सुबह मुखिया पति और उसके समर्थकों ने समाजिक कार्यकर्ता नियाजुद्दीन खान उर्फ मुन्ना खान (42) की गोली मार हत्या कर दी। इस दौरान उसकी पत्नी नजमा खातून व बेटी इमरोज खातून की भी बेरहमी से पिटाई की गई।
नजमा को इलाज के लिए सीतामढ़ी शहर के रिंग बांध स्थित नंदीपत मेमोरियल हास्पीटल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई है। नियाजुद्दीन पंचायत के सरपंच का देवर था। उसने पंचायत की विकास योजनाओं में घोटाले के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। इससे बौखलाए मुखिया पति व उसके समर्थकों ने घटना को अंजाम दिया।
इलाके में तनाव के मद्देनजर सुप्पी ओपी व बैरगनिया थाने की पुलिस गांव में कैम्प कर रही है। हालांकि, सुप्पी ओपी प्रभारी प्रवीण प्रभाकर ने गोली मार कर हत्या से इनकार किया है। बताया कि नियाजुद्दीन खान, उसकी पत्नी और बेटी की पिटाई की गई, जिसमें उसकी मौत हो गई।
घटना की बाबत पुलिस को दिए गए बयान में परिजन ने मुखिया शहनाज खातून, पति फिदा हुसैन, रुस्तम खान, एकराम खान, एजाज खान, इमरान खान, शाहिद खान, रहमान खान व शादिक खान समेत 9 को नामजद अभियुक्त बनाया है। इसके अलावा दो दर्जन अज्ञात को भी आरोपित किया है।
बताया गया है कि अख्ता पूर्वी पंचायत के सरपंच कौशम खानम का देवर नियाजुद्दीन उर्फ मुन्ना खान समाजिक कार्यकर्ता था। 14 सितंबर को अख्ता बाजार पर आमसभा हुई थी, जिसमें उसने आवास योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सवाल उठाया था। साथ ही मुखिया पर अन्य गंभीर आरोप लगाए थे।
इस दौरान मुखिया पति फिदा हुसैन और उसके समर्थकों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था। स्थानीय लोगों की पहल पर मामला शांत हुआ। लेकिन, मंगलवार को एक बार फिर मुखिया और उसके समर्थकों ने उसके साथ मारपीट की।
बुधवार की सुबह गांव के चौक पर चाय पीने गए नियाजुद्दीन को मुखिया पति और उसके समर्थकों ने दौड़ा-दौड़ कर पीटना शुरू किया। उसने भाग कर भतीजे के घर में छिपने की कोशिश की, तब मुखिया समर्थकों ने गोली मार दी। बचाने आई पत्नी व बेटी को भी बेरहमी से पीटा। इलाज के लिए सीतामढ़ी लाने के क्रम में उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।