Move to Jagran APP

फलों के दाम से बाजार बेदम, असम से केला, केरल से नारियल व हिमाचली सेब छाया

धरतेरस के बाद दीपावली और फिर छठ। इस दौरान फलों की खूब बिक्री होती है। खासतौर से छठ पर तो इसका महत्व ही रहता है। इसके लिए बाहर से सेब नारियल केला संतरा अनानास सहित अन्य फलों की आवक मंडी में बढ़ गई है। बाहर से फलों की आवक को देखते हुए फल मंडी में इसका स्टॉक भी किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 02:09 AM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 02:09 AM (IST)
फलों के दाम से बाजार बेदम, असम से केला, केरल से नारियल व हिमाचली सेब छाया
फलों के दाम से बाजार बेदम, असम से केला, केरल से नारियल व हिमाचली सेब छाया

सीतामढ़ी । धरतेरस के बाद दीपावली और फिर छठ। इस दौरान फलों की खूब बिक्री होती है। खासतौर से छठ पर तो इसका महत्व ही रहता है। इसके लिए बाहर से सेब, नारियल, केला, संतरा, अनानास सहित अन्य फलों की आवक मंडी में बढ़ गई है। बाहर से फलों की आवक को देखते हुए फल मंडी में इसका स्टॉक भी किया जा रहा है। थोक दुकानदारों ने काफी सारा फल स्टॉक कर रखा है। पिछले साल के मुकाबले इस बार फलों के भाव अधिक हैं। कारोबारियों को सिर्फ दिवाली-छठ के मौके पर छह से सात करोड़ से अधिक के फलों की बिक्री होने का अनुमान है। कमोवेश सभी फल पिछले साल की अपेक्षा इस बार थोड़े महंगे हैं। धनतेरस में पूजा के दिन फलों की बिक्री काफी होती है। इसके साथ ही पर्व के निमित फलों की खरीदारी बढ़ जाती है। सीतामढ़ी शहर में हाजीपुर, पटना समेत बड़े शहरों से सेब, केला आदि मंगाए जाते हैं। सेब-संतरा हिमाचल से ज्यादा आते हैं। नारियल केरल से आते हैं तो केला असम से। अनार के भाव आसमान छू रहे हैं। केले के लिए हाजीपुर की प्रसिद्धि के बावजूद असम के केले की डिमांड ज्यादा है। केला की एक घौद की कीमत असम में 100 रुपये है तो हाजीपुर में इसकी कीमत ?180 रुपये से लेकर ?200 रुपये तक होती है। गुदरी के फल व्यवसायी अब्दुल बताते हैं कि फल के दाम में कोई खास फर्क इस बार नहीं आया है। नारियल पिछले साल, 40 रुपये तो इस बार 50 से 60 रुपये है। सेब पिछले साल 80 रुपये किलो बिका तो इस बार 100 रुपये किलो है। केला भी पिछले साल 40 रुपये अच्छी व्वालिटी का प्रति दर्जन के हिसाब से था, इस बार भी दाम में अंतर नहीं है। अनानास पिछली बार छोटा 40 रुपये प्रति नग व बड़ा 60 रुपये प्रति नग तो इस बार बड़ा 80 रुपये है। संतरा पिछले साल भी 80 से 85 रुपये किलो के हिसाब से बिका। ---------------------------------------डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहा हाजीपुर, असम से केले की बढ़ी आवक ग्राहकों को हाजीपुर का केला ही अच्छा लगता है क्योंकि, यह स्वाद में लाजवाब और दिखने में भी सुंदर होता है। डुमरा प्रखंड के रिखौली गांव, शिवहर-सीतामढ़ी बॉर्डर पर बागमती नदी के किनारे अदौरी घाट पर केले की खेती बहुतायत में होती है। मगर, उत्पादन उतना नहीं हो पाता कि जिले की आबादी की डिमांड को पूरा कर सके। लिहाजा, बाहरी केले पर ही निर्भरता है। डुमरा के बड़ी बाजार स्थित केला के थोक विक्रेता लड्डू साह व चकमहिला चौक स्थित गणेश साह का कहना है कि असम के केले की क्वालिटी हाजीपुर से अच्छी नहीं होती। मगर, हाजीपुर मांग के अनुरूप केले की आपूर्ति नहीं कर पाता है। फल विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें असम के केले पर ही निर्भर रहना पड़ता है। असम में बड़े पैमाने पर केले का उत्पादन होता है। उसके बदले हाजीपुर में कम पैदावार है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.