मांझी जो नाव डुबोए, उसे कौन बचाए
मोरारी बापू ने कहा कि कई लोग अपने बच्चों की आदतों से आजिज होकर मुझसे कहते हैं कि बापू हमारे बच्चे मॉर्डन बन गए हैं।
सीतामढ़ी। मोरारी बापू ने कहा कि कई लोग अपने बच्चों की आदतों से आजिज होकर मुझसे कहते हैं कि बापू हमारे बच्चे मॉर्डन बन गए हैं। नए फैशन की ओर उन्मुख हो रहे हैं। इधर-उधर जाते रहते हैं। आने का ठिकाने न जाने का ठिकाना। कुछ कहने पर सुनते ही नहीं है। कोई उपाय बातएं। बापू ऐसे अभिभावकों से कहा कि बच्चों को सुधारने के पहले तुम खुद सुधरो। अक्सर माता-पिता स्वयं अपनी धुन में रहते हैं। हरदम पार्टियों में घूमते रहते हैं। कोई काम नहीं रहा तो एक ग्रुप बना लिया दिन भर, देर रात तक उसमें लगे रहते हैं। तुम जब खुद ऐसा करोगे तो बच्चे को कैसे रोक सकते हो। पहले अपने अंदर देखो कि तुम कितने दूध के धुले हुए हो। जहां ये व्यसन नहीं है वहीं तीर्थ होता है। जब तक तुम सदगुणी नहीं होगे तुम्हारे बच्चे भी सदगुणी नहीं होंगे। ऐसा आदर्श बनो कि बच्चे तुम्हारा अनुशरण करे। उन्होंने कहा ' मांझी जो नाव डुबोए उसे कौन बचाए '। ऐसे बच्चों पर करुणा करो। करुणा से सब ठीक हो जाएगा। क्रोध से नहीं। पहले अपनी ओर देखो कि तुम कितने सच्चे हो। जिस दिन तुम सच्चे होगे, बच्चे भी सच्चे हो जाएंगे।