बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार गंभीर अपराध : आयोग
बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार एक गंभीर अपराध है।
सीतामढ़ी। बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार एक गंभीर अपराध है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ऐसे लोगों पर नजर रख रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल, उन्हें मिलने वाले अधिकार को लेकर सरकार प्रायोजित कई योजनाओं को संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों से लेकर आम लोगों का सहयोग अपेक्षित है। उक्त बातें बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विजय कुमार रौशन ने गुरुवार को परिसदन में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वे तीन दिवसीय दौर पर आए हैं। कुछ स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया है। जहां अनियमितताएं पाई गई हैं। इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है। प्राथमिक विद्यालय नदीम टोल कुम्हरा विशनपुर, आंगनबाड़ी केंद्र मुरादपुर आजमगढ़ के निरीक्षण में कई अनियमितताएं मिली। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति कम हो रही है। उन्हें मिलने वाले लाभों से वंचित किया जा रहा है। सेविकाएं निजी भवन में केंद्रों का संचालन कर रही हैं। केंद्रों पर पेयजल, साफ सफाई एवं शौचालय का अभाव है। स्कूलों में मध्याह्न भोजन के साथ साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कहा कि बाल अधिकारों के कार्यों के क्रियान्वयन को लेकर वार्ड स्तर से लेकर जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जा रहा है। प्रत्येक थाने में बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी नियुक्त हैं। थाने पर बाल अधिकार से संबंधित बोर्ड लगाना है। उन्होंने कहा कि स्थलों का निरीक्षण किया जा रहा है। अनियमितता से जिला पदाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी नीरज कुमार खन्ना मौजूद थे।