रेलवे स्टेशन पर व्यवस्था और वर्दी के संरक्षण में गुंडागर्दी
सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर गुंडागर्दी के खेल को अंजाम दे रहे हैं बाइक स्टैंड संचालक के गुर्गे। जो स्टेशन के सर्कुलेशन एरिया में बाइक को खड़ा करते ही ताला जड़ देते हैं। ताला खुलवाने के लिए गुर्गे खुलेआम गुंडागर्दी करते हैं।
सीतामढ़ी । सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर गुंडागर्दी के खेल को अंजाम दे रहे हैं बाइक स्टैंड संचालक के गुर्गे। जो स्टेशन के सर्कुलेशन एरिया में बाइक को खड़ा करते ही ताला जड़ देते हैं। ताला खुलवाने के लिए गुर्गे खुलेआम गुंडागर्दी करते हैं। इतना ही नहीं ताला खोलने के एवज में 300 रुपये तक वसूलते हैं। बाइक मालिक के विरोध जताने पर गुर्गे मारपीट भी करते हैं। पैसे नहीं देने पर बाइक घेर लेते है। सीतामढ़ी स्टेशन पर वैसे तो सालों से यह खेल जारी है, लेकिन छठ पर्व के दौरान इनकी गुंडागर्दी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। इसके चलते लोगों को आर्थिक दोहन और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। दबंगई और अवैध वसूली का यह खेल दिन के उजाले से रात के अंधेरे तक चलता है। जैसे-जैसे शाम ढ़लती है, गुंडों की गुंडई, धांधली और प्रताड़ना और अधिक बढ़ जाती है। वहीं इसकी शिकायत करने के बावजूद रेल पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है। हैरत की बात यह कि नियम के विरुद्ध अवैध वसूली का यह खेल, स्टेशन अधीक्षक और जीआरपी के संरक्षण में चल रहा है। इसकी पुष्टि शनिवार की रात जंजीर लेकर ताला जड़ते गुर्गों ने की। शनिवार की रात रेलवे स्टेशन पर गृह मंत्रालय के कर्मी, मीडियाकर्मी और कुछ अन्य लोगों की बाइक में ताला जड़ते पकड़ाए बाइक स्टैंड के गुर्गों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह ताला जड़ने के एवज में बाइक चालकों से रकम वसूलते हैं। रकम की राशि स्टेशन अधीक्षक और जीआरपी प्रभारी को भी दी जाती है। इतना ही नहीं स्टेशन अधीक्षक मदन प्रसाद ने भी जीआरपी पर अवैध वसूली कराने का आरोप लगाया। बरहाल, स्टेशन पर व्यवस्था और वर्दी के संरक्षण में खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है। जिसका खामियाजा स्टेशन पर बाइक लेकर पहुंचे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में लोग अपनी फरियाद लेकर कहां जाएं? यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
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ऐसे होता है दोहन
सीतामढ़ी: सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन के सर्कुलेशन एरिया के पूर्वी छोड़ पर बाइक स्टैंड है। रेलवे द्वारा मोइनुद्दीन उर्फ ¨मटू नामक व्यक्ति को इसका ठेका दिया गया है। रेलवे द्वारा इसके लिए क्षेत्र भी तय किया गया है। स्टेशन पहुंचने वाले लोग यहां अपनी बाइक लगाते है, बदले में स्टैंड इंचार्ज के कर्मी तय शुल्क वसूलते है। इसके अलावा स्टेशन के सर्कुलेशन एरिया का कोई भी इलाका बाइक स्टैंड संचालक के जिम्मे नहीं आता है। बावजूद इसके बाइक स्टैंड इंचार्ज के गुर्गे पूरे सर्कुलेशन एरिया में लगने वाले बाइक को निशाना बनाते है। स्टेशन के बाइक स्टैंड संचालक के आधा दर्जन गुर्गे हाथ में जंजीर लगी ताला लेकर घुमते रहते है। इस दौरान बाइक के लगते ही उसमें ताला जड़ देते है। दूर-दराज आने वाले परिजन को लाने या फिर परिजनों को स्टेशन पर छोड़ने के लिए हो या फिर टिकट कटवाने और रिजर्वेशन के लिए पहुंचने वाले लोग सर्कुलेशन एरिया में स्टेशन के मेन गेट के आसपास जैसे ही बाइक खड़ी करते है, उनके बाइक में जंजीर लगी ताला जड़ दी जाती है। वापिस लौटने पर बाइक में ताला लगा देख लोग परेशान हो जाते है। काफी खोजबीन के बाद पता चलता है तो ताला खोलने के एवज में 300 रुपये वसूला जाता है। विरोध करने पर गुंडागर्दी की जाती है। कभी-कभी मारपीट भी की जाती है। ताला जड़ने के काम में लगे युवक स्टेशन पर पॉकेटमारी करते हैं, वहीं आसपास के इलाकों में बाइक चोरी की घटना को भी अंजाम देते हैं। उनकी हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि अधिकारी और मीडियाकर्मी को भी नहीं बख्शते। जब कभी बात बढ़ जाती है तो इनके आका आकर माफी मांगते हैं। जबकि जीआरपी के अधिकारी और जवान कार्रवाई के बजाए बीच-बचाव करते नजर आते है।
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बोले स्टेशन अधीक्षक
स्टेशन पर अधिकार क्षेत्र से बाहर बाइक में ताला जड़ना गलत है। इसके लिए जीआरपी वाले दोषी है। मेरे मर्जी से नहीं होता है यह काम। शनिवार की रात सामने आई घटना की सूचना मिलते हीं मैंने जीआरपी प्रभारी को भेजा। बाइक स्टैंड संचालक को भी फटकार लगाई है। उन्हें बाइक में ताला मारने से मना कर दिया गया है, आगे अगर इस तरह का कुछ मामला सामने आता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी :-मदन प्रसाद, स्टेशन अधीक्षक, सीतामढ़ी।
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बोले जीआरपी प्रभारी :::
स्टेशन पर आने वाले लोगों के बाइक में ताला जड़ना पूर्णत: गलत है। किसी ने इसकी शिकायत नहीं की है। अगर कोई शिकायत आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्टेशन अधीक्षक द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। स्टेशन अधीक्षक स्टेशन के मालिक है, मेमो दे और हमसे कार्रवाई कराए :तपेश्वर प्रसाद, जीआरपी प्रभारी।