भारत में माता सीता की जन्मभूमि सीतामहीधाम का विशेष महत्व
सीतामढ़ी शहर के स्वामी विवेकानंदनगर फिजिकल गली पापमोचन लखनदेई नदी घाट स्थित जानकीनाथ सदन में श्री सीताराम नाम जाप महायज्ञ से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है।
सीतामढ़ी। शहर के स्वामी विवेकानंदनगर फिजिकल गली पापमोचन लखनदेई नदी घाट स्थित जानकीनाथ सदन में श्री सीताराम नाम जाप महायज्ञ से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। सवा महीने तक चलने वाले महायज्ञ के 32वें दिन मंगलवार को संत श्री जानकीनाथ शरण उर्फ फलाहारी बाबा ने श्रद्धालुओं को मिथिला धाम व सीताराम नाम जाप की महिमा के बारे में बताया। कहा कि संपूर्ण भारत में माता सीता की जन्मभूमि सीतामहीधाम का विशेष महत्व है। मैथिली श्री सीताजी की प्रकाट्यस्थली है। हमें मिथिला निवासी होने का गौरव प्राप्त है। सीतामहीधाम व श्री सीताजी की जन्मभूमि का हमारे हृदय में भाव बना रहे। इसके लिए श्री सीताराम नाम जाप घर-घर किया जाना चाहिए। जानकी जी की प्रेरणा से सीतामढ़ी व शिवहर जिले के श्रद्धालु भक्त 108 स्थानों पर 12 मई से 13 मई जानकी नवमी तक 24 घंटे का अष्टयाम करेंगे। इस दौरान चहुंओर सीताराम जय सीताराम जय सीताराम की धुन गुंजायमान होगा। महायज्ञ को लेकर पूरे शहर में भक्तिभाव का वातावरण है। इस बार जानकी नवमी के अवसर पर अयोध्या, झांसी, जनकपुर नेपाल व मिथिला के साधु संतों का आगमन होगा। जानकीनाथ सदन में जानकी नवमी उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। महायज्ञ में श्रद्धालुओं के लिए प्रतिदिन 24 घंटा महाभंडारा का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन समिति के स्वागाताध्यक्ष दिनकर नारायण सिंह ने कहा कि इस बार जानकी नवमी के अवसर पर जिले के 108 गांवों में 24 घंटा का अष्टयाम होगा। उसके बाद शाम चार बजे से भंडारा शुरू होगा। यज्ञ को सफल बनाने में संत संरक्षक दामोदरदास त्यागी, संत राघव मिश्र, संत राजेश्वर दास, संत श्यामजी महाराज, श्रीनिवास मिश्र, प्रो.महेश सिंह, अशोक सिंह, रमेश सिंह, अजय सिंह, प्रभात कुमार, विपिन सिंह, जितेंद्र सिंह, मनोज सिंह, विनोद सिंह, अरविद सिंह व अजीत सिंह सहित संपूर्ण मोहल्लेवासियों का सहयोग मिल रहा है।
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