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..आखिरकार प्रेमी-युगल के विवाह को मिली सामाजिक मान्यता

सीतामढ़ी। प्रेम विवाह की खता के चलते खफा हुआ समाज आखिरकार प्रेमी युगल की शादी को सामाजिक मान्यता देने पर राजी हो गया। इसके साथ ही तकरीबन दो साल बाद प्रेमी युगल अपने बच्चे के साथ गांव लौटे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 12:48 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:12 AM (IST)
..आखिरकार प्रेमी-युगल के विवाह को मिली सामाजिक मान्यता
..आखिरकार प्रेमी-युगल के विवाह को मिली सामाजिक मान्यता

फोटो : 11 एसएमटी 10 व 11

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-- खबर का असर

-- दैनिक जागरण में दस सितंबर को छपी खबर के बाद पुलिस ने की सीतामढ़ी। प्रेम विवाह की खता के चलते खफा हुआ समाज आखिरकार प्रेमी युगल की शादी को सामाजिक मान्यता देने पर राजी हो गया। इसके साथ ही तकरीबन दो साल बाद प्रेमी युगल अपने बच्चे के साथ गांव लौटे। दस सितंबर को दैनिक जागरण में छपी खबर के बाद एसपी अनिल कुमार के निर्देश पर सहियारा थानाध्यक्ष शंभुनाथ सिंह, अवर निरीक्षक विजय राम, सहायक अवर निरीक्षक विजय शर्मा ने सशस्त्र दल बल के साथ कोदबारा गांव पहुंचे। जहां रिश्तेदार के यहां पनाह लिए जय कुमार उर्फ बगबा व उसकी पत्नी मुन्नी कुमारी तथा उसके बच्चे को खरबन्नी गांव पहुंचया। इस दौरान थानाध्यक्ष ने ग्रामीणों को प्रेम का पाठ पढ़ाया। साथ ही कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दोनों की शादी को कानूनी मान्यता मिल चुकी है। थानाध्यक्ष ने बताया कि आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई होगी। उन्होंने पूर्व प्रमुख राजनारायण राय, समाजिक कार्यकर्ता मुन्ना सिंह व दिनेश सिंह सहित ग्रामीणों की मौजूदगी में दोनों की शादी को सामाजिक मान्यता दिलाई। बताते चलें कि सहियारा थाना क्षेत्र के खरबन्नी गांव निवासी जयराम कुमार उर्फ बगवा का गांव की ही मुन्नी कुमारी के साथ इश्क हो गया। दोनों का इश्क परवान चढ़ा। समाज के ठेकेदारों पर नागवार गुजर। इसके बाद 27 नवंबर 2017 को दोनों ने सीतामढ़ी कोर्ट में विवाह कर लिया। विवाह के बावजूद समाज ने इसकी मान्यता नहीं दी। लड़की के परिजनों ने उल्टे दोनों को गांव से बहिष्कृत कर दिया। लड़का पक्ष चाहता हैं कि दोनों गांव में आकर रहे, लेकिन लड़की पक्ष के लोग अब भी दोनों के गांव में नहीं आने देने पर अड़े रहे। साथ ही जान मारने की धमकी भी देते रहे। दोनों, दो वर्ष से घर-परिवार से दूर रिश्तेदारों के घर पनाह लेने को विवश रहे। सामाजिक स्तर पर जब दोनों को इंसाफ नहीं मिला तो सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कर अब कोर्ट से इंसाफ मांगा। लड़की ने कोर्ट में दायर परिवाद में अपने पिता कैलाश राय, चाचा रामबली राय, भाई संजय कुमार, सुदेश कुमार व मुकेश कुमार को आरोपित किया था। सितंबर में कोर्ट ने दोनों को सुरक्षा उपलब्ध कराने और गांव भेजने का आदेश दिया था। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। दस सितंबर को दैनिक जागरण ने इससे संबंधित खबर प्रकाशित की थी। एसपी अनिल कुमार ने सहियारा थानाध्यक्ष को त्वरित कार्रवाई का आदेश दिया था। इसके बाद से थानाध्यक्ष शम्भूनाथ सिंह दोनों पक्षों में मेल कराने में जुटे हुए थे। इसी बीच उन्होंने दोनों को घर पहुंचाने में सफलता पाई है। इधर, जयराम कुमार उर्फ वगवा तथा उसकी पत्नी मुन्नी कुमारी ने दैनिक जागरण के अलावा एसपी अनिल कुमार और सहियारा थानाध्यक्ष शंभुनाथ सिंह के प्रति आभार जताया है।


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