Delhi Anaz Mandi Fire: शवों के आते ही रोया पूरा गांव, गमगीन माहौल में दी गई मिट्टी
दिल्ली अग्निकांड में मृत छह में से दो मृतकों ऐनुल और अब्बास के शव बोखड़ा लाए जाने के साथ ही गांव में कोहराम मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण जनाजे में शामिल हुए।
सीतामढ़ी, जेएनएन। दिल्ली अग्निकांड में मृत छह में से दो मृतकों ऐनुल और अब्बास के शव बोखड़ा लाए जाने के साथ ही गांव में कोहराम मच गया। चीख-पुकार शुरू हो गई है। बुधवार को भारी जन सैलाब के बीच गांव स्थित कब्रिस्तान में दोनों को सिपूर्द ए खाक किया गया। गमगीन माहौल में बड़ी संख्या में ग्रामीण जनाजे में शामिल हुए। वहीं भाउर पंचायत स्थित कब्रिस्तान में जनाजे की नमाज के बाद दोनों को अलग-अलग मिट्टी दी गई। इस दौरान पूरा गांव आंसू बहा रहा था। स्वजनों के चीत्कार और ग्रामीणों के आंसूओं के सैलाब में हर कोई बह चला। करुण क्रंदन से इलाका दहल गया।
दिल्ली से एक ही एंबुलेंस से धुनिया झिटकी निवासी 65 वर्षीय ऐनुल और बुधनगरा निवासी अब्बास (35) के शव लेकर रात 10.45 बजे स्वजन गांव पहुंचे। उन्हें देखने के लिए पड़ोसी और रिश्तेदारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। जबकि, शव लाए जाने की सूचना मिलते ही श्रम अधीक्षक राकेश रंजन, बीडीओ अमरेंद्र पंडित और सीओ अवधेश कुमार श्रीवास्तव प्रशासनिक टीम के साथ दोनों गांवों में पहुंच कर देर रात ही पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। देर रात श्रम विभाग और मुख्यमंत्री राहत कोष से आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की सरकारी सहायता देने की कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई।
बुधवार को अधिकारियों की टीम ने दोबारा गांव पहुंच कर ऐनुल की पत्नी सोगरा खातून और अब्बास की पत्नी अंगूरी खातून को दो-दो लाख रुपये का चेक प्रदान किया। सीअो ने एंबुलेस किराये मद की 76 हजार की राशि का भुगतान चालक को किया। उधर, मंगलवार की देर रात पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद ने बुधनगरा, झिटकी और बोखड़ा गांव पहुंच कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने घटना में मृत लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। कहा की सरकार द्वारा मृतक के परिजनों को जो सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की गई है, उसे वह अपने स्तर से प्रयास कर शीघ्र दिलाने में सहयोग करेंगे। जबकि, विधायक डॉ. रंजू गीता और रालोसपा की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रेखा गुप्ता लगातार गांव का दौरा कर पीड़ित परिवार का दर्द बांट रही थीं। बताते चलें कि आठ दिसंबर को दिल्ली में कारखानों में लगी आग में बोखड़ा प्रखंड के छह मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि एक जख्मी हुआ था। इनमें अब्बास और ऐनुल के शव सिपूर्द-ए-खाक अब हो चुके हैं। शेष चार मजदूरों के शव लाए जाने का ग्रामीण इंतजार कर रहे हैं।