अतिक्रमण के कहर से फुटपाथ गायब, खामियाजा भुगत रहे पैदल चलने वाले
शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के चौक-चौराहों एवं सड़क पर निरंतर बढ़ रही अतिक्रमण की चपेट से फुटपाथ का वजूद खत्म हो गया है।
सीतामढ़ी। शहर से लेकर ग्रामीण इलाके के चौक-चौराहों एवं सड़क पर निरंतर बढ़ रही अतिक्रमण की चपेट से फुटपाथ का वजूद खत्म हो गया है। जिसके कारण लोगों को इसका खामियाजा जाम और दुर्घटना के रूप में झेलना पड़ रहा है। इसमें प्रशासन व नागरिक की निष्क्रियता भी एक अहम अंश है। विभिन्न प्रकार की मांगों के लिए आए दिन लोग धरना प्रदर्शन तो करते हैं लेकिन यातायात एवं जीवन से संबधित इन फुटपाथ के बचाव के लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की गई है। जिससे जहां प्रशासन फुटपाथ की सुरक्षा के प्रति सदैव उदासीन है वहीं अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है।
सड़क दुर्घटना में हो रही वृद्धि
विभिन्न स्थानों पर फुटपाथ के लुप्त होने के कारण पैदल यात्रियों के लिए अब सड़क का उयोग ही सहारा बचा है। आये दिन इसके कारण दर्जनों की संख्या में पैदल यात्री दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं। पैदल यात्री भले ही सड़क पर एक तरफ से आवागमन करते हो, लेकिन तिव्रगति से संचालित वाहनों की चपेट में आकर वे दुर्घटना के शिकार हो जख्मी होकर अस्पताल पहुंचते है। वहां भी सुविधाओं के अभाव के कारण उन्हें दिव्यांगता का दंश झेलना पड़ता है अथवा मौत को गले लगाना पड़ता है। दुर्घटना के कारण जख्मी को आíथक व मानसिक का स्थिति से महिना गुजरना पड़ता है।
मुख्य पथ का हाल बेहाल
शहर मे पहले लगभग सभी मुख्य सड़को के साथ फुटपाथ था। वर्तमान में सड़क के किनारे स्थति ये फुटपाथ विलुप्त हो चुके हैं। इन फुटपाथों का विभिन्न प्रकार से अतिक्रमण किया जा चुका है। कही मकान तो कहीं दुकान इस पर बन चुके हैं। तो सड़क की चौड़ीकरण व नाला भी इसके मिटने का कारण बनी है। फुटपाथों पर बिजली और टेलीफोन पोल भी लगने से उधर से यात्रियों का गुजरना मुश्किल बन गया। कुछ चौड़ी सड़कों के बचे शेष भाग में अब फल, सब्जी, खोंमचे और मांस मछली व्यवसायी अतिक्रमण कर कारोबार करने में लगे हैं। इतना ही नहीं कुछ दुकानदार शेड बढ़ा कर समान फुटपाथ ही सजाते हैं तो कुछ स्थानों पर अस्थायी दुकान भी लगाई जा चुकी है। शहर के लगभग सभी सड़कों के फुटपाथ अतिक्रमण की चपेट में आकर विलुप्त हो चुके हैं। शहर के प्रवेश द्वार मेहसौल गुमती से लेकर पुराना बस स्टैँड, मेहसौल ओपी के सामने, मेहसौल चौक, लखनदेई पुल, महंतसाह चौक, जानकी स्थान, भवदेपुर चौक, थाना रोड, हास्पीटल रोड, वासुश्री चौक, पासवान चौक, बाईपास सड़क, गोशाला रोड, डुमरा रोड आदि सभी के फुटपाथ विलुप्त हो चुके हैं। इधर जिला मुख्यालय डुमरा की कुछ सड़को के किनारे फुटपाथ नजर तो आता है लेकिन अतिक्रमणकारियों का दबाव इधर भी जारी है।
कोट
शहर को अतिक्रमण से निजात के लिए प्रयास जारी है। इसे लेकर खास महाल के जमीन की मापी जारी है। विभाग द्वारा तीन स्थानों पर वेडिग जोन की स्वीकृति हो चुकी है तथा इसके निर्माण के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही प्रशासन द्वारा पुन: अतिक्रमण हटाने को ले अभियान चलाया जाना है।
--- दीपक झा, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, सीतामढ़ी।