साढ़े आठ लाख रुपये सुबह-सुबह कहां से आए कारोबारी के पास पुलिस भी उलझन में!
उत्तर बिहार के चर्चित कारोबारी प्रभास हिसारिया हत्याकांड में लूट की रकम को लेकर पुलिस भी अब पसोपेश में पड़ गई है।
सीतामढ़ी। (कृष्ण यादव), उत्तर बिहार के चर्चित कारोबारी प्रभास हिसारिया हत्याकांड में लूट की रकम को लेकर पुलिस भी अब पसोपेश में पड़ गई है। अपराधियों ने अपने कंफेसनल स्टेटमेंट में पुलिस को महज इतने ही रुपये लूटने की बात बताई। जबकि, मृतक कारोबारी के पुत्र आनंद कुमार हिसारिया ने साढ़े आठ लाख रुपये लूटे जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस बीच पुलिस को अपराधियों के 92 हजार रुपये वाले स्वीकारोक्ति बयान के हिसाब से भी नकद महज 50 हजार रुपये ही हाथ हासिल हो पाया है। 10500 रुपये एक अपराधी ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर रखा था। हालांकि, पुलिस अब उस रकम को रिकवरी करने का प्रयास कर रही है। रकम को लेकर आम लोग भी ऊहापोह में हैं। सबका यही सोचना है कि घटना के दिन उतनी सुबह इतनी बड़ी रकम व्यवसायी के पास कहां से और कैसे आई थी। जिसके बारे में अपराधियों को भी भनक लग चुकी थी। पुलिस भी इस बात का अनुसंधान कर रही है। घटना सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर हुई और इस दरम्यान तक कारोबारी के पास बिक्री या लहना वसूली की इतनी बड़ी रकम कहां से और कैसे पहुंच गई। लॉकडाउन में मालवाहक वाहन कम ही चल रहे हैं, उपर से साइकिल बेचने वाले कारोबारी के पास ये पैसे कौन और कैसे पहुंचा गया। यह भी बड़ा सवाल बना हुआ है। लिहाजा, उस दिन कारोबारी से कौन-कौन और कब मिला था तथा अगर रकम उतनी थी तो यह बात कौन जानता था? मोटरसाइकिल से उतनी बड़ी रकम लेकर कारोबारी निकले ही थे कि अपराधियों ने उनको निशाना बना डाला। इससे पुलिस को कुपुलिस को इन सारे सवालों के जवाब के लिए अब उस मास्टरमाइंड की तलाश है जो मोतिहारी का रहने वाला बताया गया है। उस गैंगस्टर के कहने पर ही सारा प्लान तैयार हुआ था, कारोबारी की रेकी भी हो रही थी। उस अपराधी के नाम सामने आने के बाद सीतामढ़ी पुलिस ने मोतिहारी पुलिस से संपर्क साधा है। हालांकि, इस बारे में पुलिस के आलाधिकारी भी कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। हिमांशु की खोज में पुलिस टीम लग गई है।
मेजरगंज, सहियारा, सुप्पी व सीतामढ़ी शहर का था इकलौता अपराधी ,
पांचों गिरफ्तार अपराधियों में एक अकेला सूरज कुमार पिता रंधीर शर्मा मालीपुर पकड़ी थाना सीतामढ़ी का रहने वाला है। यहीं सूरज अपराधियों में सबसे कम उम्र का स्कूटी पर पीछे बैठा हुआ था। उसके बाद ढेंग, सुप्पी के राहुल सिंह (35) पिता सुनील सिंह व उत्कर्ष कुमार उर्फ छोटू पिता स्व. खोभारी सिंह उर्फ रविरंजन सिंह दोनों एक ही गांव के हैं। छोटू ने ही कारोबारी को पिस्टल से गोली मारी थी। उसके बाद सहिायारा के बदुरी गांव का गौतम कुमार पिता रामविनोद सिंह व मेजरगंज के माधोपुर बलुआ गांव के अनिल प्रसाद सिंह का पुत्र रौशन सिंह शामिल है। ---------- बटवारे के विवाद में ही अपराधियों की खुल गई पोल
पैसे के बटवारे के विवाद में ही अपराधियों की पोल खुल गई। सिर्फ 92 हजार रुपये लूट में हाथ लगने के अपराधियों में से एक राहुल ने सूरज के हिस्से से साढ़े आठ हजार रुपये अपने पास रख लिए। जान जोखिम में डालकर कम पैसे मिलने का उसको मलाल हो गया। अन्य दोनों अपराधियों ने बराबर-बराबर 23-23 हजार रुपये बटवारे में रखकर संतोष कर लिए। इसीलिए सबसे आखिर में सूरज ही पकड़ा जा सका। वह शहर के करीब होकर भी पुलिस की पकड़ में अंतिम में आया।