Move to Jagran APP

मेजरगंज में बागमती नदी के कटाव से रसलपुर में बेघर लोग नेपाल में ढूंढ रहे ठिकाना

मेजरगंज। बाढ़-बारिश के कहर से भारत-नेपाल सीमावर्ती मेजरगंज प्रखंड के रसलपुर में बेघर लोग नेपाल में आशियाना ढूंढ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 11:54 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 11:54 PM (IST)
मेजरगंज में बागमती नदी के कटाव से रसलपुर में बेघर लोग नेपाल में ढूंढ रहे ठिकाना
मेजरगंज में बागमती नदी के कटाव से रसलपुर में बेघर लोग नेपाल में ढूंढ रहे ठिकाना

मेजरगंज। बाढ़-बारिश के कहर से भारत-नेपाल सीमावर्ती मेजरगंज प्रखंड के रसलपुर में बेघर लोग नेपाल में आशियाना ढूंढ रहे हैं। यह गांव बागमती नदी में विलीन होने के कगार पर है। दो सौ से अधिक परिवारों की जिदगी खतरे में पड़ गई है। अधिकतर लोग बोरिया-बिस्तर समेटर कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसल व खेत बागमती नदी के कटाव में विलीन हो चुका है। नदी में तेजी से हो रहे कटाव को रोकने में प्रशासन जुटा हुआ है, लेकिन वहां रह रहे लोगों के लिए प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी है। जनमानस में भारी आक्रोश है। जमीन व खेत-खलिहान के मोह में यहां के लोग बाढ़-बरसात बीतने के बाद एकबार फिर यहां बस जाते हैं। उनके लिए यही नीयति बन गई है। शासन-प्रशासन हर बार आश्वासनों की घुटी पीलाता है मगर नतीजा वहीं 'ढाक के तीन पात'। लोगों का दर्द बांटने पहुंचे सांसद व बीडीओ तेजी से हो रहे कटाव की सूचना मिलने पर सांसद सुनील कुमार पिटू पहुंचे। कटाव स्थल का जायजा लेने के साथ उन्होंने वहां के लोगों से बात की और भरोसा दिलाया कि उनके लिए जितना हो सकता है मदद की जाएगी। स्थानीय मुखिया ने मेजरगंज बीडीओ को बुलाया। उन्होंने भी अपनी आंखों से नदी की तबाही देखी। ग्रामीणों ने सांसद को बताया कि मुख्यमंत्री को त्राहिमाम संदेश भेजकर मदद की गुहार लगाई गई है। बाढ़ से सुरक्षा के नाम पर सरकारी खजाने से बड़ी राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन उपाय कारगर नहीं हो पाया। कहा कि जिन ठीकेदारों को कटाव निरोधी कार्य सौंपा गया उन्होंने सिर्फ कोरम पूरा किया।

loksabha election banner

स्थानीय अटल बिहारी बताते हैं कि नेपाल ने अपनी तरफ मजबूत बांध खड़ा कर लिया है। पत्थर एवं बोल्डर से धारा को मोड़ दिया है जिससे रसलपुर की तरह नदी का कटाव तेज हो गया है। पूर्व प्रमुख राकेश कुमार सिंह का कहना है कि कटाव निरोध कार्य सिर्फ लूट-खसोट का जरिया बनकर रह गया है। काम में नाम पर सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। छोटेलाल पटेल ने कहा कि पिछले दिनों ग्रामीणों ने इसी बात को लेकर अधिकारियों का घेराव किया था। उसके बाद शीघ्र निदान का आश्वासन मिला। रंजन कुमार फरमाते हैं-'जहां बेदर्द हाकिम हो वहां फरियाद क्या करना।' लोग घर से बेघर हो रहे हैं, लहलहाती फसलें डूब रही हैं, जमीन को नदी अपनी जद में ले रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.