शौचालय निर्माण के बावजूद लोग जा रहे खुले में शौच
चोरौत प्रखंड की पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रहा है।
सीतामढ़ी। चोरौत प्रखंड की पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया, लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रहा है। अहले सुबह होते ही गांव के लोग शौच के लिए सरेह की ओर जाते दिखते हैं। इतना ही नहीं मुख्य सड़क पर भी कई जगहों पर नाक बंद कर चलना पड़ता है। इस हकीकत की पड़ताल के लिए बुधवार को दैनिक जागरण की टीम परिगामा पंचायत के परिगामा गांव में पहुंची। गांव में प्रवेश करने से पहले ही मुख्य सड़क के दोनों ओर गंदगी नजर आ रही थी। अधिकतर लोगों के घर में शौचालय का निर्माण होने के बावजूद लोग उसका उपयोग नहीं कर रहे। शाम होते ही सड़क के दोनों ओर लोग शौच के लिए जगह तलाशते दिखते हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण:
ग्रामीण कृपाशंकर राउत, लक्खी सदा, परमेश्वर साह, बलिराम साह, बासुदेव साह, भोगेन्द्र सदा, जागरण सदा ने बताया कि गांव में 75 फीसद शौचालय के निर्माण के बावजूद लोग शौच के लिए सरेह में चले जाते हैं। जागरूकता की कमी होने से लोग शौच के लिए बाहर जाते हैं।
मुसहरी महादलित टोल में सामूहिक शौचालय अधूरा
परिगामा के वार्ड 3 में लगभग 75 शौचालय विहीन परिवार हैं। उन परिवारों के लिए स्थानीय मुखिया संजय साह ने 73 सीट के बायोगैस की सुविधा वाले सार्वजनिक शौचालय निर्माण शुरू कराया। यह जिला का पहला बायोगैस शौचालय है, लेकिन यह अभी अधूरा पड़ा है। लोग खुले मे शौच के लिए जा रहे हैं। मालूम हो कि 15 जून 2017 को तत्कालीन बीडीओ नीलकमल की उपस्थिति मे पंचायत को ओडीएफ घोषित किया गया। लेकिन, यह कागज पर ही सिमट कर रह गया। लोगों के व्यवहार परिवर्तन नहीं होने से परिगामा प्राथमिक विद्यालय के समीप मुख्य सड़क पर भी गंदगी का अंबार लगा था।
क्या कहते हैं मुखिया
पंचायत के मुखिया संजय साह ने बताया कि गांव में 80 फीसद शौचालय का निर्माण हो गया है। लेकिन, इसमें से 20 फीसद शौचालय की राशि का भुगतान लाभुकों को नहीं हुआ है। सार्वजनिक शौचालय में कई लाख रुपये फंसे हैं, लेकिन अब तक एक रुपये का भुगतान नहीं मिला। लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए और प्रयास की जरूरत है।
क्या कहते हैं अधिकारी
बीडीओ डॉ. संजय कुमार राय ने बताया कि खुले में शौच जाने का मुख्य कारण जागरूकता में कमी है। नए सिरे से पुन: गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। ताकि लोग खुले में शौच से होने वाले बीमारी के बारे में जानें। इसके बाद स्थित बदल जाएगी।