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कबड्डी में बेटियों का राष्ट्रीय स्तर पर बजा डंका, सबका छुड़ाया छुड़ाया छक्का

सीतामढ़ी। आज ओलंपिक दिवस है। डुमरा के एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र के कई खिलाड़ी कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 06:09 AM (IST)
कबड्डी में बेटियों का राष्ट्रीय स्तर पर बजा डंका, सबका छुड़ाया छुड़ाया छक्का
कबड्डी में बेटियों का राष्ट्रीय स्तर पर बजा डंका, सबका छुड़ाया छुड़ाया छक्का

सीतामढ़ी। आज ओलंपिक दिवस है। डुमरा के एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र के कई खिलाड़ी कबड्डी में राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुके हैं। फरवरी 2020 में खेलो इंडिया प्रतिस्पर्धा में सीतामढ़ी की बेटी शिल्पी कुमारी व श्वेता स्वराज बिहार का प्रतिधित्व कर चुकी है। कास्य पदक लाकर बिहार का नाम रोशन किया। डुमरा निवासी शिल्पी बताती है कि उनके लिए खाना-सोना जितना जरुरी है कबड्डी भी उतना ही। मगर, जिला प्रसाशन खेल व खिलाड़ियों के मामले में उदासीन दिखता है। सुबह-शाम 5-6 घंटे अभ्यास करते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए कर्नाटक सहित देश क विभिन्न हिस्सों में गई। श्वेता स्वराज बताती है कि सीतामढ़ी में एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र में कोच पंकज सर के नेतृत्व में हमने बहुत कुछ सीखा है। कबड्डी में कवर खेलना उन्होंने ही सिखाया है। खेलो इंडिया के लिए पटना में सिलेक्शन राउंड हुआ था। जिसमें पूरे बिहार के विभिन्न जिलों से तमाम प्रतिभागियों के बीच से सीतामढ़ी से हम दोनों का ही चयन हो पाया था। असम में आयोजित प्रतियोगिता में हम दोनों खिलाडियों ने कांस्य पदक जीते। नेशनल खेल चुकी गायत्री कुमारी बताती है कि 2017 से 2019 तक सभी कबड्डी खेलों में बिहार के लिए खेल चुकी हूं। बहुत सारे पदक हमने जीते। प्रियंका कुमारी का कहना है कि जूनियर कबड्डी चैंपियनशिप पटना में हुआ था जिसमे बिहार के लिए यूपी के खिलाफ खेलते हुए पदक मिला।

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खिलाड़ियों को तराश रहे पंकज सिंह डुमरा के शंकर चौक निवासी पंकज कुमार सिंह जिला कबड्डी संघ के सचिव व कबड्डी के कोच भी हैं। वे बताते हैं कि जिले की कई लड़कियों को कबड्डी की ट्रेनिग दी। जिले से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खिलाडी खेल चुके हैं। सीतामढ़ी शहर के एक्सचेंज रोड निवासी प्रभात कुमार अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खेल चुके हैं तथा बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए 2004 में गोल्ड मेडल हासिल किया। उन्हें रेलवे ने खेल कोटे से उन्हें नौकरी प्रदान की है।

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