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साले-बहनोई ने मिलकर छिपा लिए साढ़े तीन लाख रुपये और लूट की उड़ाई अफवाह

सीतामढ़ी। मेजरगंज-रीगा रोड में मेजरगंज के अंजनी ट्रेडर्स के पिकअप वैन चालक से रविवार शाम साढ़े तीन लाख रुपये लूट की घटना झूठी निकली है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Aug 2021 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 10 Aug 2021 11:10 PM (IST)
साले-बहनोई ने मिलकर छिपा लिए साढ़े तीन लाख रुपये और लूट की उड़ाई अफवाह
साले-बहनोई ने मिलकर छिपा लिए साढ़े तीन लाख रुपये और लूट की उड़ाई अफवाह

सीतामढ़ी। मेजरगंज-रीगा रोड में मेजरगंज के अंजनी ट्रेडर्स के पिकअप वैन चालक से रविवार शाम साढ़े तीन लाख रुपये लूट की घटना झूठी निकली है। वैन चालक व उसके साले ने मिलकर फार्म के रुपये हड़पने की योजना बनाई और सारे पैसे अपने पास रखकर लुट जाने का केस दर्ज करा दिया। अपनी कंपनी और पुलिस को गुमराह करने के लिए बड़ी चालाकी से लूट की सारी कहानी भी गढ़ ली। हालांकि, पुलिस कप्तान हरकिशोर राय की तत्परता से लूट के पीछे की साजिश 40 घंटे के अंदर-अंदर दुनिया के सामने आ गई। अब जीजा-साला दोनों पुलिस के शिकंजे में हैं। सख्ती से पूछताछ हुई तो दोनों ने सच्चाई उगल दी। पूछताछ के बाद दोनों के पास से सारे पैसे बरामद कर लिए गए। दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस कप्तान ने मीडिया को बुलाकर जीजा-साला की करतूत सुनाई और लूट की इस घटना का उदभेदन किया। उन्होंने बताया कि तकनीकी सहयोग से वादी हरेंद्र चौधरी के बहनोई जितेंद्र चौधरी (पिता स्व. विदेश्वर चौधरी गांव डायन कोठी थाना सहियारा) की संलिप्तता प्रकाश में आई। जितेंद्र चौधरी को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की गई। इससे जितेंद्र सबकुछ उगल बैठा। उसने अपने तथा अपने साला हरेंद्र चौधरी की संलिप्तता स्वीकार कर ली। यह भी बताया कि मोटी रकम देखकर मन में लालच घुस गया था। जितेंद्र की निशानदेही पर लूटे गए साढ़े तीन लाख रुपये जितेंद्र चौधरी के घर के बगल से ही झाड़ी से बरामद कर लिए गए। रुपये बरामद हो जाने के बाद उसके साला हरेंद्र चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हरेंद्र ने भी पूरा घटनाक्रम बयां कर दिया। एसपी ने बताया कि लूट के रुपये व जितेंद्र चौधरी का वह मोबाइल भी बरामद कर लिया गया है जिससे बात करके उसने अपने साला को बीच रास्ते में बुलाया और पैसे छुपाकर रख लेने के बाद थाने में फर्जी केस दर्ज करा दिया। दोनों गिरफ्तार रिश्ते में जीजा-साला है। हरेंद्र चौधरी साला है और जितेंद्र उसका जीजा। पहले जितेंद्र का घर मेजरगंज में था पर एक-दो वर्ष पूर्व डायन छपरा में जमीन खरीदकर अपना मकान बना लिया। इसलिए फिलहाल दोनों डायन छपरा निवासी हैं। मेजरगंज बाजार स्थित अंजनी ट्रेडर्स नामक प्रतिष्ठान में जितेंद्र चौधरी स्टाफ के रूप में काम करता था। वही हरेंद्र चौधरी उस प्रतिष्ठान का गाड़ी चलाता था। रविवार को प्रतिष्ठान के मालिक के निर्देश पर व्यवसाय का बकाया रुपया वसूली के लिए दोनों को रीगा भेजा गया था। रुपये वसूली कर संध्या में वापसी के दौरान उसके मन में लालच समा गया। रुपये हजम करने की नीयत से दोनों ने साजिश कर लूट की रूप-रेखा तैयार कर घटना की झूठी सूचना पुलिस को दी। कहां से और कैसे आए उतने पैसे, फिर कैसे रची गई लूट की साजिश ड्राइवर ने पुलिस को गुमराह करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई। उसका कहना था कि सहियारा थाने के मौदह गांव से आगे बढ़ने पर महादेव पुल से पहले चक्करघटा जाने वाली सड़क के सामने रुपये वाला बैग अपराधियों ने लूट लिया। उसको उसी के फॉर्म का मुंशी रहा व रिश्ते में साला हरेंद्र चौधरी ने रीगा में प्रभात किराना दुकान के पास शाम को आते वक्त दिया था। रुपये लूटे जाने के पीछे कहानी यह बताई कि अपराधियों को पैसे की भनक लग गई। बदमाश ने बोला कि रीगा से जो झोला लिए हो वह लाओ नहीं तो गोली मार देंगे। दर्ज शिकायत के अनुसार, हरेंद्र चौधरी ने कहा कि वह मेजरगंज के अंजनी ट्रेडर्स में वह पिकअप वैन (बीआर068/7437) चलाता है। रीगा से किराना सामान व झोला में रखे साढ़े तीन लाख रुपये लेकर चला था। ये रुपये रीगा में उसके फॉर्म के मुंशी कृष्णनंदन कुमार पिता उमाशंकर राय ग्राम मलाही थाना मेजरगंज के निवासी ने दिए थे। रुपये वाल बैग अपनी गाड़ी में रखकर मेजरगंज के लिए चल दिए। जब सहियारा थाना क्षेत्र के मौदह गांव से आगे बढ़ा तो महादेव पुल से पहले चक्करघटा जाने वाली सड़क के सामने सफेद रंग की अपाची मोटरसाइकिल पर सवार दो बदमाशों ने ओवरटेक किया। बाइक चालक का हुलिया जिस पैंट व शर्ट पहने हुआ था और वह ब्लू कलर का हेलमेट लगाया था। जबकि, पीछे बैठा शख्स मास्क लगाया था। वह छोटे कद का था। दोनों बदमाश मोटरसाइकिल से पिकअप के आगे आकर रोक गाड़ी को रोक लिया। पीछे बैठे बदमाश ने मोटरसाइकिल से उतरकर पिकअप के गेट के पास आकर पिस्टल दिखाया और गेट खुलवा लिया। गेट खुलते ही चाबी छीन ली। बोला कि रीगा से जो झोला लिया है वह लाओ नहीं तो गोली मार देंगे। उसके बाद ड्राइवर महादेव पुल के पास पहुंचा और लोगों को घटना की जानकारी दी। लोग पहुंचते तब तक दोनों बदमाश पैसे वाला झोला लेकर रीगा की तरफ फरार हो चुके थे। फर्जी लूट को सही ठहराने के लिए ड्राइवर ने इस तरह से अफवाह उड़ाई।

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