Move to Jagran APP

सिंह पर सवार होकर आ रही मकर संक्रांति, सुख-समृद्धि दायक

सीतामढ़ी। मकर सक्रांति का पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 12:48 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 12:48 AM (IST)
सिंह पर सवार होकर आ रही मकर संक्रांति, सुख-समृद्धि दायक
सिंह पर सवार होकर आ रही मकर संक्रांति, सुख-समृद्धि दायक

सीतामढ़ी। मकर सक्रांति का पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर सक्रांति कहलाता है। इसी दिन से सूर्य उतरायण हो जाते हैं। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा गया है। इस तरह मकर सक्रांति एक प्रकार से देवताओं का प्रभात काल है। मकर सक्रांति के दिन स्नान-दान, जप-तप, श्राद्ध तथा अनुष्ठान आदि का अत्यधिक महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किया गया दान सौ गुना होकर प्राप्त होता है। मकर सक्रांति के दिन सूर्य अपनी कक्षाओं में परिवर्तन कर दक्षिणायन से उत्तरायण होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। जिस राशि में सूर्य की कक्षा का परिवर्तन होता है, उसे संक्रमण या संक्रांति कहा जाता है। 14 जनवरी गुरुवार को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश भारतीय मानक समय के विदिशा के स्थानीय समय के अनुसार, प्रात: 8:15:59 पर हो रहा है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश होते ही मकर संक्रांति का पुण्य काल प्रारंभ हो जाता है। 14 जनवरी को प्रात: 8:15:59 से सूर्यास्त तक मकर सक्रांति का पुण्य काल रहेगा। मकर संक्रांति 14 जनवरी गुरुवार को प्रात: 8:15:59 से भारतीय मानक समय अनुसार श्री सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अत: इसके साथ ही पर्व काल प्रारंभ हो जाएगा। धर्म सिधु धार्मिक ग्रंथ के अनुसार, मकर सक्रांति का पर्व काल संक्रांति होने से 40 घड़ी तक रहता है। कितु रात्रि में स्नान निषेध होने से प्रात: 8:15:59 से सूर्यास्त पूर्व तक पर्व काल रहेगा। मकर सक्रांति पर स्नान-दान, जप-तप, पूजन, श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार, मकर सक्रांति के दिन सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन माना जाता है। मकर संक्रांति से दिन बड़े होने लगते हैं और रात्रि की अवधि कम होती जाती है। स्पष्ट है कि दिन बड़ा होने से प्रकाश अधिक होगा और रात्रि छोटी होने से अंधकार की अवधि कम होगी। सूर्य ऊर्जा का अजस्त्र स्त्रोत है। शहर के अंचल गली स्थित वैदेही वल्लभ निकुंज श्रीराम जानकी मंदिर के आचार्य पं. सुमन झा ने बताया कि मकर सक्रांति से सूर्य तिल-तिल बढ़ते हैं। इसी कारण मकर संक्रांति पर तिल का उबटन लगाकर स्नान करने, तिल दान करने एवं तिल खाने का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष मकर सक्रांति का वाहन सिंह है। इसी कारण सिंह पर सवार होकर मकर संक्रांति आ रही है। संक्रांति का उप वाहन हाथी है। इस वर्ष की मकर सक्रांति देश में सुख-समृद्धि करने वाली है। सक्रांति का फल- सफेद वस्तुएं चांदी, चावल, दूध, शक्कर आदि के भावों में वृद्धि होगी। राजा के प्रति विरोध की भावना बदलती रहती रहेगी। ब्राह्मण वर्ग का सम्मान बढ़ेगा। सन्यासियों व किसानों को कष्ट रहेगा। महामारी के प्रसार में कमी आएगी।

loksabha election banner

मकर संक्रांति पर दान का महत्व

रमनगरा मठ के पुजारी पं.विश्वनाथ झा ने बताया कि धर्म शास्त्रों के अनुसार मकर सक्रांति पर खिचड़ी, तिल, गुड़, घृत, वस्त्र, अन्न, स्वर्ण, तांबा-पीतल दान करना चाहिए। किसी तीर्थ स्थान में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है। बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा यमुना सरस्वती के संगम पर प्रयाग में इस दिन सभी देवी-देवता अपना रूप बदलकर स्नान करने आते हैं। राशियों के अनुसार मकर सक्रांति का फल

मेष अष्ट सिद्धि- वृषभ धर्म लाभ- मिथुन शारीरिक कष्ट- कर्क सम्मान में वृद्धि- सिंह भय व चिता- कन्या धन वृद्धि- तुला कलह व मानसिक चिता- वृश्चिक धन आगमन खुशी- धनु धन लाभ- मकर स्थिर लक्ष्मी- कुंभ लाभ- मीन प्रतिष्ठा में वृद्धि

राशियों के अनुसार दान

मेष : तांबे की वस्तु, चादर, तिल, लाल वस्तु

वृषभ : चांदी की बनी वस्तु, सफेद वस्त्र, तिल

मिथुन : हरी सब्जियां, चादर, छाता

कर्क: सफेद ऊनी वस्त्र, मोती, साबूदाना

सिंह : गुड़, गेहूं, लाल वस्तु, कंबल

कन्या : खिचड़ी, मूंग दाल, हरे वस्त्र, उड़द

तुला : सात प्रकार के अन्न, सफेद वस्त्र, चावल, शक्कर, घी

वृश्चिक : लाल रंग के कपड़े, तांबे का पात्र, स्वर्ण, मसूर

धनु : पीले वस्त्र, पीतल, स्वर्ण, चने की दाल, धार्मिक ग्रंथ

मकर : काले रंग का कंबल तिल से बनी वस्तु

कुंभ : घी, तिल, साबुन, अन्य

मीन : धार्मिक ग्रंथ, पीली वस्तुओं का दान, चने की दाल, पीले वस्त्र।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.