शौचालय बना चुके 318 लोग आज भी अनुदान राशि की आस में
सीतामढ़ी। स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत घर घर शौचालय निर्माण और उपयोग की जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती नजर आ रही है।
सीतामढ़ी। स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत घर घर शौचालय निर्माण और उपयोग की जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती नजर आ रही है। दो वर्ष पूर्व प्रखंड के ग्यारह पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ)घोषित तो कर दिया गया, लेकिन धरताल पर हकीकत कुछ और ही है। दैनिक जागरण के पड़ताल के तहत प्रखंड के खुले में शौच से मुक्त घोषित खड़का बसंत उतरी पंचायत की पड़ताल की। पड़ताल में पाया गया कि इस पंचायत में 318 लोग शौचालय निर्माण कराने के बावजूद शौचालय निर्माण की अनुदान राशि के भुगतान होने की आस में है। अनुदान से वंचित लोग शौचालय निर्माण की राशि के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा कर थक चुके हैं। नयाटोल गांव के लालबाबू यादव, शिव दुलारी देवी, सतन कुमार व रंजीत यादव समेत कई लोगों ने बताया कि यहां शौचालय निर्माण कराने के बावजूद उन लोगों को शौचालय निर्माण की अनुदान राशि अब तक नहीं मिल पाया है। कई लोगों ने बताया सरकार व प्रशासनिक फरमान पर किसी तरह रुपये कर्ज लेकर शौचालय तो बनवा लिया। लेकिन आज तक भुगतान नहीं हो सका है। भुगतान की जटिल प्रक्रिया की वजह से दर्जनों लोग शौचालय निर्माण कराने में अक्षम हैं। कई लोग दफ्तर का चक्कर लगाते लगाते उचित मार्ग दर्शन नहीं मिलने के कारण अब तक शौचालय का निर्माण नहीं कराया है।
दो सौ से अधिक परिवार के पास अब भी नहीं है शौचालय:
पंचायत के करीब एक सौ से अधिक परिवारों के पास अब भी शौचालय नहीं है। ये लोग बाहर जाने को विवश है। ओडीएफ घोषित इस पंचायत में शौचालय निर्माण की जटिल प्रक्रिया एवं जागरूकता के अभाव में ऐसे परिवार के लोग अब भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी:
बीडीओ अमरेंद्र पंडित ने कहा कि कुछ लाभुकों को शौचालय निर्माण की अनुदान राशि नहीं मिल पाया है। किसी कारणवश लाभुकों का डाटा डिलीट हो जाने के कारण इस तरह की समस्या आई। वैसे लाभुकों का फिर से डाटा लिया गया है। शीघ्र ही भुगतान कार्रवाई जाएगी। कुछ लोगों के शौचालय निर्माण कराने के बावजूद खुले में शौच जाने की सूचना मिल रही है। ऐसे में जल्द ही जागरूकता कार्यक्रम चलाने के साथ ही मोटिवेटर टीम का गठन कर उन्हें सुबह शाम भेजी जाएगी। खुले में शौच करते पकड़े जाने पर उन पर नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहती है मुखिया:
मुखिया वीणा देवी ने कहा कि पंचायत में तकरीबन 24 सौ परिवार है। जिसमें 1618 लोगों के शौचालय निर्माण की इंट्री हो चुकी है। उसमें 13 सौ लोगों का भुगतान हो चुका है। 318 लोग अब भी भुगतान से वंचित है। तीन सौ लोगों के पास शौचालय रहने के बावजूद बाहर जाते हैं। ऐसे लोगों में व्यवहार परिवर्तन की जरूरत है। दो सौ से अधिक लोगों के पास अब भी शौचालय नहीं है। लोगों को शौचालय निर्माण कराने के साथ इसका उपयोग करने के लिए जागरूक किए जाएंगे। जो लोग अब तक शौचालय का निर्माण नहीं कराए हैं, उन्हें इसके लिए विशेष तौर पर टीम बना कर जागरूक किया जाएगा।