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सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप होने से इलाज हुआ मुश्किल

शेखपुरा। बुधवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रही। ओपीडी सेवा ठप रहने से इलाज कर

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 05:33 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 05:33 PM (IST)
सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप होने से इलाज हुआ मुश्किल
सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप होने से इलाज हुआ मुश्किल

शेखपुरा। बुधवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रही। ओपीडी सेवा ठप रहने से इलाज कराने आए लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इलाज को सरकारी अस्पताल आये ऐसे मरीजों को प्राइवेट क्लीनिकों का सहारा लेना पड़ा। वहींख् कई लोग बिना इलाज कराए ही वापस घर लौट गए। इस बाबत बिहार राज्य चिकित्सा सेवा संघ के जिला सचिव डॉ.अशोक कुमार ¨सह ने बताया कि आरा में पहले मरीज और बाद में वहां के डीएम द्वारा ड्यूटी में तैनात डॉक्टर के साथ किए गए व्यवहार के खिलाफ यह आंदोलन समूचे प्रदेश में किया गया है। डॉ. ¨सह ने बताया कि आगे की रणनीति संगठन का प्रदेश नेतृत्व तय करेगा और उसी के अनुरूप अगला कदम उठाया जाएगा। इधर, सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद रहने की वजह से बुधवार को जिले में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई। सबसे अधिक परेशानी दूर गांवों से इलाज कराने आए मरीजों व उनके परिजनों को झेलनी पड़ी। इस हड़ताल से जिले के सदर अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर भी ओपीडी में किसी मरीज का इलाज नहीं किया गया। यहां तक कि ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर भी नहीं खुला। हालांकि सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी सेवा पूरी तरह से बहाल रही और इमरजेंसी में डाक्टरों ने अपनी ड्यूटी देकर जरूरतमंद मरीजों का इलाज भी किया। इधर, बिहार राज्य चिकित्सा सेवा संघ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने संयुक्त बयान जारी कर राज्य सरकार से आरा के डीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। संघ के सचिव डॉ. अशोक कुमार ¨सह ने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट 2018 को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की है। डॉ. ¨सह ने कहा कि डीएम जिला के प्रशासनिक अभिभावक होते हैं और अगर वही इस तरह का काम करे तो उनके मातहत काम करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को न्याय कहां से मिलेगा। औसतन हर रोज एक हजार से अधिक मरीजों का ओपीडी में होता है इलाज

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शेखपुरा : जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में रोज एक हजार से अधिक मरीजों का इलाज ओपीडी में किया जाता है। बुधवार को डॉक्टरों द्वारा ओपीडी सेवा का बहिष्कार किये जाने की वजह से इन मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। सबसे अधिक मरीज सदर अस्पताल के ओपीडी में आते हैं। इस बाबत भासा के जिला सचिव डॉ. अशोक कुमार ¨सह ने बताया कि अकेले शेखपुरा सदर अस्पताल के ओपीडी में रोज औसतन पांच सौ मरीज आते हैं। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल के साथ-साथ शेखपुरा, बरबीघा, अरियरी, चेवाड़ा, शेखोपुरसराय और घाटकोसुम्भा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ओपीडी सेवा पूरी तरह बाधित रही। कहा कि इन 6 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से शेखपुरा और बरबीघा में सबसे अधिक मरीज आते हैं। इन दोनों पीएचसी पर रोज लगभग चार सौ मरीजों का इलाज ओपीडी में किया जाता है। इसके अलावा अरियरी में लगभग 80, चेवाड़ा में 65 से 70, शेखोपुरसराय में 55 और घाटकोसुम्भा में 45 से 50 मरीज ओपीडी में इलाज कराते हैं। डॉ. अशोक ने बताया कि जिले के किसी भी अस्पताल में बुधवार को ओपीडी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ।


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