पहले बनाने में नायक थे, हटाने के खेल में खलनायक हुए साबित
शेखपुरा। घरेलू महिला निर्मला कुमारी को राजनीति में लाकर अध्यक्ष की पावरफुल कुर्सी दिलाने ने जो सख्स
शेखपुरा। घरेलू महिला निर्मला कुमारी को राजनीति में लाकर अध्यक्ष की पावरफुल कुर्सी दिलाने ने जो सख्स ढ़ाई साल पहले नायक की भूमिका में था। वही आज कुर्सी खिसकाने के खेल में चित पड़ गए। इस शह और मात के इस खेल में खलनायक साबित हुआ यह शख्स अब अपना चेहरा छिपाये फिर रहा है। राजनीति के इस खेल में फेल हुए इस शख्स को उनके समाज के लोग ही विभीषण बता उनकी राजनीतिक कुंडली खोल रहे हैं। जिला परिषद की राजनीति में पैठ रखने वाले सूत्रों ने बताया कि दस दिन पहले जब अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव लाया गया था। तब यह खेल सिर्फ उपाध्यक्ष को कुर्सी से बेदखल करने के लिए था। यह चाल सार्वजनिक होने के बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने अध्यक्ष के खिलाफ भी मोर्चा बंदी कर करनी शुरू कर दी और इस मोर्चाबंदी में अध्यक्ष के खास इस शख्स को अपने पाले में कर लिया। मगर बात बनी नहीं और कल के नायक का चेहरा आज के इस खेल में खलनायक के रूप में उजागर हो गया। बताया गया कि कल के नायक के आज खलनायक बनने के पीछे दो सल बाद होने वाले विधान सभा चुनाव की रणनीति मुख्य वजह बताई जा रही है। इधर, ढ़ाई साल पहले जिस शख्स ने निर्मला को अध्यक्ष कि कुर्सी दिलाने में नायक की भूमिका निभाई थी वह बरबीघा से विधान सभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। मगर उनके रास्ते में निर्मला ही बड़ा बड़ा रोड़ा साबित हो रहीं हैं। नायक को मजबूरी में खलनायक बनना पड़ा,हालांकि इस खेल में वे मात खा गये।