लॉकडाउन में स्कूल खोलकर बांटे जा रहे एमडीएम के चावल
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को चावल बांटा जा रहा है। यह चावल एमडीएम के बदले दिया जा रहा है। चावल का वितरण हो जाने के बाद एमडीएम के हिस्से में पड़ने वाले मसालाजलावनतेलनमक तथा सब्जी के बदले नगद राशि बांटी जायेगी।
जागरण संवाददाता, शेखपुरा:
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को चावल बांटा जा रहा है। यह चावल एमडीएम के बदले दिया जा रहा है। चावल का वितरण हो जाने के बाद एमडीएम के हिस्से में पड़ने वाले मसाला,जलावन,तेल,नमक तथा सब्जी के बदले नगद राशि बांटी जायेगी। नगद राशि छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में भेजी जायेगी। चावल के वितरण के लिए लॉकडाउन के बाबजूद जिला के प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों को खोला गया है। इस बाबत डीईओ नंदकिशोर राम ने बताया स्कूलों के हेडमास्टर तथा प्रभारी को एक और सहयोगी को रखकर चावल बांटने का निर्देश दिया गया है। इस काम में टोला सेवक तथा रसोइया से भी सहयोग लेने को कहा गया है। एमडीएम का चावल लेने के लिए किसी विद्यार्थी को स्कूल नहीं आना है। यह चावल उनके माता-पिता को दिया जायेगा। सरकार की योजना के तहत जिला के 477 सरकारी प्राइमरी तथा मिडिल स्कूलों में पढ़ने वाले एक लाख छह हजार विद्यार्थियों को चावल देना है। पहली से पांचवीं क्लास तक के प्रत्येक बच्चे को 8 किलो तथा छठी से आठवीं क्लास तक के प्रत्येक बच्चे को 12 किलो चावल दिया जाना है। नगद राशि भेजने के लिए विद्यार्थी का आधार नंबर तथा उनके अभिभावक का बैंक अकाउंट लिया जा रहा है। बताया गया अभी जो चावल बांटा जा रहा है वह मार्च महीने का ही है। बाकी महीने का चावल भी दिया जायेगा। चावल वितरण में डंडीमारी पर नजर रखने के लिए शिक्षा विभाग निगरानी भी कर रहा है। इधर कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच चावल बांटने के आदेश पर कई शिक्षकों ने असंतोष जताया है।