प्रायोगिक परीक्षा में कम नंबर दिए जाने से नाराज छात्रों ने स्कूल में जड़ा ताला
गुरुवार को शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड के लोहान हाई स्कूल में विद्यार्थियों द्वारा तालाबंदी कर दी गई। प्रधानाध्यापिका द्वारा भेदभाव करते हुए पैसे लेकर किसी को कम और किसी को ज्यादा प्रायोगिक नंबर देने का आरोप उग्र विद्यार्थी लगा रहे थे।
शेखपुरा । गुरुवार को शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड के लोहान हाई स्कूल में विद्यार्थियों द्वारा तालाबंदी कर दी गई। प्रधानाध्यापिका द्वारा भेदभाव करते हुए पैसे लेकर किसी को कम और किसी को ज्यादा प्रायोगिक नंबर देने का आरोप उग्र विद्यार्थी लगा रहे थे। तालाबंदी के बाद स्कूल गए शिक्षक गांव के ही एक दालान पर छुपकर बैठे रहे। बाद में दिनभर अधिकारियों के आने-जाने का सिलसिला जारी रहा और छात्रों को अधिकारियों द्वारा समझाया गया। दरअसल, यह पूरा विवाद कुछ खास विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा में कम नंबर देने को लेकर सामने आया है। विद्यार्थी नीतीश कुमार धूमल, ज्योतिष, निवास, शुभम, अतुल, अंकित इत्यादि ने बताया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका एवं विज्ञान की शिक्षिका द्वारा जानबूझकर कुछ बच्चों को इंटर प्रायोगिक परीक्षा में कम नंबर दिया गया। इस वजह से कई परीक्षार्थी असफल हो गए और कई को दो-चार अंक के लिए थर्ड डिवीजन आया। साथ ही कुछ अपने खास विद्यार्थियों को पैसे लेकर प्रायोगिक परीक्षा में अधिक नंबर दिए, जो कहीं से भी उचित नहीं है। विद्यार्थियों ने बताया कि लोहान गांव के विद्यार्थी को शिक्षिका द्वारा 14 नंबर और 16 नंबर प्रायोगिक परीक्षा में दिए गए, जबकि अन्य जगहों के विद्यार्थियों को 28 नंबर और 29 नंबर दिए गए। विद्यार्थियों ने इस पूरे मामले की जांच करने को लेकर स्कूल के कार्यालय में तालाबंदी कर जमकर हंगामा और नारेबाजी की। विद्यार्थियों ने बताया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका से शिकायत करने पर इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। वहीं बाद में इस पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी गांव पहुंचे तथा विद्यार्थियों को समझाने-बुझाने में जुट गए। शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना साकेत रंजन गांव पहुंचकर विद्यार्थियों को इस मामले में उचित जांच का भरोसा दिया। उनके समझाने पर भी विद्यार्थी नहीं माने और स्कूल में लगाया गया ताला नहीं खोला। वहीं उनके लौटने के बाद अंचलाधिकारी भाग्य नारायण राय गांव पहुंचे तथा विद्यार्थियों को समझाया। भाग्य नारायण राय ने बताया कि विद्यार्थियों को इस तरह के भेदभाव के लिए सक्षम पदाधिकारी के समक्ष आवेदन देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा जो बात कही गई है, वह बहुत ही गंभीर है। वहीं विद्यार्थियों ने बताया कि इस मामले में जब तक उचित कार्रवाई नहीं होगी वे लोग आंदोलन वापस नहीं लेंगे।