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स्कूलों में खुले पुस्तकालय, सक्रीय हुआ बाल संसद व मीना मंच

शेखपुरा। शेखपुरा जिले को नीति आयोग के द्वारा आकांक्षी जिला में शामिल किया गया है। इसके बाद जिले की शिक्षा व्यवस्था को प्राथमिक तौर पर सुधारने की पहल की गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 07:28 PM (IST)
स्कूलों में खुले पुस्तकालय, सक्रीय हुआ बाल संसद व मीना मंच
स्कूलों में खुले पुस्तकालय, सक्रीय हुआ बाल संसद व मीना मंच

शेखपुरा। शेखपुरा जिले को नीति आयोग के द्वारा आकांक्षी जिला में शामिल किया गया है। इसके बाद जिले की शिक्षा व्यवस्था को प्राथमिक तौर पर सुधारने की पहल की गई है। नीति आयोग के द्वारा इसकी जिम्मेवारी पीरामल फाउंडेशन को दी गई है। पिरामल फाउंडेशन के द्वारा जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर छोटे-छोटे स्तर पर काम किए गए हैं। इसमें स्कूलों में पुस्तकालय का गठन और पुस्तक की व्यवस्था सामाजिक स्तर से की गई है। इसके लिए पुस्तकों के लिए भिक्षाटन भी किया गया। साथ ही साथ स्कूलों के बाल संसद और मीना मंच को सशक्त किया गया है। इसी तरह से छोटे-छोटे बच्चों को बाला विधि से पढ़ाने की व्यवस्था जिले के कई स्कूलों में की गई है। बरबीघा के तेतारपुर मध्य विद्यालय में वर्ग को रेल गाड़ी के डिब्बों की तरह से सजाया गया है। बाला विधि में स्कूल की दीवारों पर अक्षरों अथवा अंग्रेजी के शब्दों की पेंटिग की गई है। इसके माध्यम से बच्चे अक्षर ज्ञान सीख रहे हैं। इससे अन्य तरह की शिक्षा भी हासिल हो रही है। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कहते हैं कि जिले में की गई पहल का असर देखने को मिल रहा है। बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढ़ रहा है। उधर पिरामल से जुड़े अंशु राज कहते हैं कि नीति आयोग की पहल पर आकांक्षी जिला के तहत किए गए काम की वजह से शेखपुरा जिले बिहार के आकांक्षी जिला में शेखपुरा जिला प्रथम स्थान पर है। अप्रैल 2018 से लेकर जुलाई 2020 तक के आंकड़े में शिक्षा व्यवस्था में जिला 41 प्रतिशत सुधार हुआ है।

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बात अगर स्कूलों की की जाए तो जिले की सभी 54 पंचायतों में उच्च विद्यालय की व्यवस्था राज्य सरकार के द्वारा की गई है। हालांकि कई स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने से मध्य विद्यालय के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इन स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिले में 66 उच्च विद्यालय संचालित हैं इनमें 350 शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। जबकि प्राथमिक और मध्य विद्यालय मिलाकर 477 विद्यालय जिले भर में संचालित हैं। इनमें 1700 शिक्षकों की बहाली की गई है।


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