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आम लोगों की थाली से दूर हुई हरी सब्जियां

शेखपुरा। आसमान छू रही कीमत की वजह से आम थाली से हरी सब्जियां दूर हो गई है। सब्जियों की कीमत का आलम यह है कि गरीबों के लिए हरी मिर्च भी मुहाल हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 11:06 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 06:17 AM (IST)
आम लोगों की थाली से दूर हुई हरी सब्जियां
आम लोगों की थाली से दूर हुई हरी सब्जियां

शेखपुरा। आसमान छू रही कीमत की वजह से आम थाली से हरी सब्जियां दूर हो गई है। सब्जियों की कीमत का आलम यह है कि गरीबों के लिए हरी मिर्च भी मुहाल हो गया है। नया आलू और दूसरी नई सब्जियों की कौन कहे भर्ता के लिए भी जिला के लोगों को सैकड़ों किमी दूर राजस्थान के आलू पर निर्भर होना पड़ रहा है। सब्जियों के बढ़े भाव की वजह से खरीदार भी कम हो गये हैं। इसका असर सब्जी बाजार में यह देखने को मिल रहा है कि कई दुकान अस्थाई रूप से बंद हो गई है।

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पुश्तैनी रूप से सब्जी की दुकान लगाने वाले असलम ने बताया अभी शेखपुरा जैसे छोटे बाजार में सब्जियां कोलकाता, बंगलुरु तथा रांची से आ रही है। इसके अलावे उत्तर बिहार के दलसिंहसराय से सब्जी मंगाई जा रही है। बताया गया हर साल भादो-आश्विन के महीने में सब्जी के दाम बढ़ जाते हैं। मगर इस साल की बढ़ोत्तरी अप्रत्याशित है। अभी बरसात की वजह से अलान पर फलने वाला परबल,बैगन तथा कद्दू आ रहा है। बाजार में टमाटर,नया सेम तथा नया आलू रांची से आ रहा है। बंधगोभी बेंगलुरु से मंगाई जा रही है। बैगन-परबल दलसिघसराय से आ रहा है। पुराना आलू राजस्थान से आपूर्ति हो रहा है। बाजार में सब्जियों के भाव— हरी मिर्च-100 रुपये किलो

सेम-100 रुपये किलो

नया आलू-100 रुपये किलो

बांधगोभी-70 रुपये किलो

टमाटर-80 रुपये किलो

परबल-60 से 80 रुपये किलो

बैगन-60 रुपये किलो

बोड़ा-60 रुपये किलो

झुंगुनी-40 रुपये किलो

नेनुआ—30 रुपये किलो


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