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पुलिस विभाग में 50 लाख की फर्जी निकासी में एसपी आफिस का कर्मी हिरासत में

शेखपुरा। जिले के पुलिस विभाग में वेतन मद में लगभग 50 लाख की फर्जी निकासी के मामले में एसपी आफिस के कर्मी मंटू पासवान को हिरासत में लिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 04:52 PM (IST)
पुलिस विभाग में 50 लाख की फर्जी निकासी में एसपी आफिस का कर्मी हिरासत में
पुलिस विभाग में 50 लाख की फर्जी निकासी में एसपी आफिस का कर्मी हिरासत में

शेखपुरा। जिले के पुलिस विभाग में वेतन मद में लगभग 50 लाख की फर्जी निकासी के मामले में एसपी आफिस के कर्मी मंटू पासवान को हिरासत में लिया गया है। आरोप है कि मंटू पासवान ही कोषागार से पारित वेतन के बिल में हेरफेर करके कई पुलिसकर्मियों के खाते में तय राशि से अधिक वेतन भेज रहा था। मंटू एसपी कार्यालय में पुलिसकर्मियों के वेतन-भत्ता बनाने का काम करता था। एसपी दयाशंकर ने बताया कि इस गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद मुख्यालय डीएसपी आरके से मामले की जांच कराई जा रही है। कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में लिखित प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। फिलहाल हिरासत में लिये गए मंटू से इस मामले में पूछताछ की जा रही है। लगभग 50 लाख के इस गबन में कई पुलिसकर्मियों के साथ कोषागार एवं बैंक के कर्मी पर भी गाज गिर सकती है। एसपी ने इस बाबत बताया कि जिन पुलिसकर्मियों के खाते में तय वेतन से अधिक राशि भेजी गई हैं, उनको भी अभियुक्त बनाया जा सकता है। फिलहाल डीएसपी मुख्यालय के जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। डीएसपी मुख्यालय को पिछले तीन साल के अंदर जिले के पुलिसकर्मियों को दिए गए वेतन व भत्ते की जांच करके को कहा गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार की शाम तक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ सकती है।

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यह है फर्जी निकासी का मामला :

एसपी दयाशंकर ने बताया कि जिले में लगभग चार सौ पुलिसकर्मियों का वेतन बनता है तथा कोषागार के माध्यम से सभी का भुगतान बैंक खाते के माध्यम से किया जाता है। बताया गया कि एसपी ऑफिस से वेतन का जो एडवाइस बैंक को भेजा जाता था, मंटू पासवान उसी में हेरफेर कर देता था। एसपी ने बताया कि अभी तक जो अनुमान लगाया जा रहा है उसके मुताबिक यह फर्जीवाड़ा लगभग 30 लाख रुपये का हो सकता है। बताया गया कि एसपी ऑफिस से जिले के सभी पुलिसकर्मियों का वेतन विपत्र बनकर कोषागार जाता है। कोषागार से पास होने के बाद उसे पुलिसकर्मियों के नाम और अकाउंट नंबर के साथ बैंक में भेजा जाता है। मंटू पासवान कोषागार से पारित विपत्र में ही हेरफेर कर देता था। अनुमान है कि यह खेल पिछले लंबे समय से खेला जा रहा था। इस खेल में 50 से अधिक पुलिसकर्मियों के खाते में लगभग 50 लाख की अधिक राशि भेजी गई है। अब इस 50 लाख के फर्जीवाड़े में आरोपी मंटू और लाभ लेने वाले पुलिसकर्मियों की कितनी-कितनी हिस्सेदारी है यह बात जांच के बाद सामने आ पाएगी।

दशहरा के पहले इस गड़बड़ी की आई थी बू :

पुलिसकर्मियों के वेतन-भत्ते में लगभग 50 लाख रुपये के फर्जी निकासी की बू एसपी को दशहरा के पहले ही लग गई थी। इस बाबत एसपी ने बताया कि एसपी आफिस के वित्तीय आडिट ऊपर से होने के साथ-साथ बीच-बीच में स्थानीय स्तर पर भी कराया जाता है। उन्होंने बताया कि डीएसपी मुख्यालय से एसपी कार्यालय का इंटरनल वित्तीय ऑडिट कराया जा रहा था, तभी वेतन मद के इस वित्तीय गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया। इस गड़बड़ी की बू आने के बाद इसकी शुरूआती पड़ताल की गई तो यह मामला बहुत बड़ा दिखा। इसके बाद डीएसपी मुख्यालय को इसकी जांच का जिम्मा दिया गया। एसपी ने बताया कि गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद पिछले तीन साल के दौरान जिले के पुलिसकर्मियों को भुगतान किये गए वेतन-भत्ता तथा अन्य वित्तीय भुगतान की जांच कराई जा रही है।


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