दिवाली से पहले सभी स्कूलों में बाल संसद गठित करने का निर्देश
शेखपुरा। स्कूलों के संचालन में छात्र-छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ स्कूली बच्चों में सं
शेखपुरा। स्कूलों के संचालन में छात्र-छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ स्कूली बच्चों में संसदीय प्रणाली की आधारभूत जानकारी के लिए स्कूलों में बाल संसद का गठन किया जा रहा है। इस संबंध में डीएम ने जिले के सभी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में दिवाली की छुट्टी शुरू होने से पहले बाल संसद का गठन कर लेने का निर्देश दिया है। इस मामले में डीएम की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग ने भी हाथ-पैर फैलाने शुरू कर दिया है। डीपीओ सतीश प्रसाद ¨सह ने बताया कि शेखपुरा और बरबीघा प्रखंडों के दो सौ से अधिक स्कूलों में सितंबर महीने में ही बाल संसद का गठन किया जा चुका है। अब बाकी बचे अरियरी, चेवाड़ा, घाटकोसुम्भा और शेखोपुरसराय प्रखंड में सभी एचएम व सीआरसी समन्यवक को पत्र लिखकर दिवाली-छठ की छुट्टी शुरू होने से पहले बाल संसद का गठन करने का सख्त निर्देश दिया गया है। बताया गया कि स्कूलों में बाल संसद का क्रियान्वयन काफी पहले से किया जा रहा है। इधर, नीति आयोग के तहत जब से पिरामल फाउंडेशन ने जिले की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का काम अपने जिम्मे लिया है, तब से इस बाल संसद की परिकल्पना को और भी सशक्त किया जा रहा है।
छात्र-छात्रा वोट देकर करेंगे स्कूल के पीएम का चुनाव, छात्रा ही बनेगी शिक्षा मंत्री : स्कूलों में गठित होने वाले बाल संसद में प्रधानमंत्री सहित उनके कुछ मंत्रिमंडलीय सहयोगी भी रहेंगे। इसमें प्रधानमंत्री का चुनाव स्कूल के छात्र-छात्रा गुप्त मतदान के माध्यम से करेंगे। वोट से चयनित होने वाले पीएम बाद में स्कूल के एक शिक्षक व अन्य छात्र-छात्राओं की सलाह पर अपने सहयोगी मंत्रियों का चयन करेंगे। पीएम के अलावा उनके मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य, पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, पुस्तकालय एवं सूचना मंत्री का भी चयन होगा। सभी विभागों में उप मंत्री भी चुने जाएंगे। मंत्री व उनके उप मंत्री में से एक बालिका का रहना आवश्यक है। शर्त के मुताबिक शिक्षा मंत्री के पद पर बालिका का ही चयन होना है।