सुकमा शहीद की पत्नी को मिला चेक बाउंस, फिर RTGS से दी रकम
शेखपुर में शहीद के परिजनों को सहायता राशि में मिला चेक बाउंस कर गया था। इसके बाद उनके खाते में आरटीजीएस के माध्यम से पैसा भेजा गया। ...और पढ़ें

शेखपुरा [जेएनएन]। शेखपुरा में सुकमा में शहीद रंजीत कुमार के परिजनों को बिहार सरकार की ओर से मिली सहायता राशि का चेक बाउंस कर गया है। यह HDFC बैंक का पांच लाख का चेक था। मीडिया में यह खबर आने के बाद आनन-फानन में आरटीजीएस के माध्यम से शहीद की विधवा के बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया।
दरअसल, सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए जिले के सपूत रंजीत यादव के आश्रित को सरकार द्वारा दी गई पांच लाख रुपये की सहायता राशि खाते में नहीं आयी। राज्य सरकार ने सीआरपीएफ जवान रंजीत की विधवा सुनीता देवी को पांच लाख का यह चेक जिला प्रशासन के माध्यम से दिया था। चेक दिए जाने के लगभग एक पखवारे बाद भी राशि लाभुक के खाते में नहीं जा सकी। बताया गया कि चेक बाउंस कर गया है।
इस खबर के मीडिया में आने के बाद पूरे प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया। जिला प्रशासन द्वारा दिया गया यह चेक बैंकिंग सेवा की तकनीकी पेंच में फंस गया है। शहीद जवान के परिवार वालों ने बताया कि यह चेक एचडीएफसी बैंक का था, जबकि लाभुक का बैंक अकाउंट स्टेट बैंक में है।
बैंक के सूत्र ने बताया कि लाभुक में पांच लाख का यह चेक अलीगंज (जमुई) की शाखा में जमा किया था। वहां से यह चेक क्लीयरेंस के लिए पटना भेजा गया तथा उसे पटना से एचडीएफसी की शेखपुरा शाखा में आना था। बताया गया कि चेक क्लीयरेंस के लिए पटना से शेखपुरा भेजने के क्रम में यह तकनीकी पेंच फंस गया।
आनन-फानन में सुकमा में शहीद रंजीत यादव की पत्नी सुनीता के खाते में पांच लाख की सरकारी सहायता की राशि डाल दी गई है। जिला प्रशासन की तरफ से इसकी आधिकारिक जानकारी अपर समाहर्ता डॉ. जवाहर लाल सिन्हा ने दी। इधर, एचडीएफसी बैंक के स्थानीय प्रबंधक अमित कुमार ने भी बताया की लाभुक के खाते में पांच लाख रुपये की सरकारी सहायता की राशि स्थानांतरित कर दी गई है।
पूरे घटनाक्रम में एचडीएफसी के स्थानीय ब्रांच मैनेजर अमित कुमार की गर्दन फंस गई है। सरकारी सहायता के भुगतान में की गई देरी पर डीएम ने संज्ञान लेते हुए ब्रांच मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इसकी जानकारी डीएम ने बुधवार को दी। डीएम दिनेश कुमार ने बताया कि शहीद की विधवा के खाते में पांच लाख की राशि ट्रांसफर करने में जो भी बिलंव हुआ है उसके लिए एचडीएफसी के मैनेजर दोषी है।
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डीएम ने बताया है कि ब्रांच मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिला प्रशासन के उक्त खाते में एक करोड़ पांच लाख की बड़ी राशि मौजूद है। मगर ब्रांच मैनेजर की शिथिलता की वजह से शहीद जवान की विधवा को समय पर राशि नहीं मिल सकी। अपनी भूल मानते हुए एचडीएफसी के ब्रांच मैनेजर ने भी डीएम से लिखित माफी मांगी है।

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