अतिपिछड़ों की हकमारी कर रही बिहार सरकार : जितेंद्र
एनडीए की सहयोगी पार्टी तथा केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदार रालोसपा ने सरकार पर लगाया आरोप ।
शेखपुरा । एनडीए की सहयोगी पार्टी तथा केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदार रालोसपा ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि वह राज्य में अतिपिछड़ा समाज की हकमारी कर रही है। उक्त बातें रालोसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा पार्टी में अतिपिछड़ा वर्ग के प्रभारी जितेंद्र नाथ ने कही। जितेंद्र नाथ रविवार को शेखपुरा में स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य का अनुसूचित जाति के लोग तथा अतिपिछड़ा समाज खुद को राजनीतिक ठगी का शिकार हुआ महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि रालोसपा राज्य में अनुसूचित जाति तथा अतिपिछड़ा समाज को गोलबंद करने के लिए अगले महीने से समूचे राज्य में बड़ा राजनीतिक अभियान शुरू करेगा। बताया गया कि इस राजनीतिक अभियान के तहत उपेक्षित महसूस कर रहे अनुसूचित जाति तथा अतिपिछड़ा समाज को रालोसपा एक मजबूत और सशक्त मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पार्टी एक से 30 सितंबर तक राज्य के सभी जिलों में दलित तथा अतिपिछड़ा सम्मेलन करेगी। जितेंद्र नाथ ने बिहार सरकार को अतिपिछड़ों के साथ राजनीतिक छल करने का आरोप लगाते हुए बताया कि 1979 में जब कर्पूरी ठाकुर ने अतिपिछड़ों को आरक्षण देना शुरू किया था। तबसे अब तक इस समाज में सरकार ने कई दूसरी जातियों को शामिल करके हकदारों की भीड़ तो बढ़ा दी है। मगर आरक्षण का प्रतिशत वही निर्धारित रखे हुए है। जितेंद्र नाथ ने बताया कि 1979 में अतिपिछड़ा समाज में जातियों की संख्या 38 थी और आरक्षण का प्रतिशत 15 था। आज विभिन्न दूसरी जातियों को शामिल करके अतिपिछड़ा समाज में जातियों की संख्या बढ़कर 114 कर दी गई है। फिर भी आरक्षण का प्रतिशत वही 15 प्रतिशत है। नाथ ने अतिपिछड़ों का आरक्षण प्रतिशत उसकी आबादी के अनुरूप बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि तमिलनाडू फार्मूले के तहत बिहार में भी कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 69 किया जाएगा। इसके लिए सरकार पूरी तरह स्वतंत्र है।