आठवीं की परीक्षा में मुश्किल से एक तिहाई बच्चों को ग्रेड ए
शेखपुरा । जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की वास्तविक स्थिति क्या है। इसकी असि
शेखपुरा । जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की वास्तविक स्थिति क्या है। इसकी असलियत सबके सामने खुल गई है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की यह असलियत विभाग द्वारा घोषित आठवीं का परीक्षा परिणाम ने ही खोला है। पढ़ाई-लिखाई का यह सच आठवीं की परीक्षा परिणाम से सामने आया है। आठवीं की घोषित परीक्षा परिणाम के मुताबिक जिला के मुश्किल से एक तिहाई बच्चे ही ग्रेड ए हासिल करने में सफलता हासिल कर सके हैं। इसकी जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि जिला में आयोजित आठवीं की परीक्षा में लगभग बारह हजार छात्र-छात्रा शामिल हुए थे। मगर इसमें महज चार हजार दो सौ को ही ग्रेड ए हासिल हो सका। बताया गया कि जिला के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा नहीं तो बहुत खराब भी नहीं कहा जा सकता है। आठवीं के परीक्षा परिणाम की समीक्षा की जाए तो इसे औसत कहा जा सकता है। औसत का दावा इसलिए कि आठवीं की परीक्षा में शामिल लगभग साठ प्रतिशत बच्चे ग्रेड बी हासिल करने में सफल रहे। बताया गया कि जिला के सरकारी स्कूलों में आठवीं क्लास में 13 हजार 868 परीक्षार्थी नामांकित थे। इसमें परीक्षा में 11 हजार 831 बच्चे शामिल हुए। इन ग्यारह हजार 831 छात्र-छात्रा में से चार हजार 215 को ग्रेड ए, सात हजार 193 को ग्रेड बी तथा 423 छात्र-छात्राओं को ग्रेड सी दिया गया है। जानकारी में बताया गया कि आठवीं की परीक्षा के आधार पर बच्चों की शैक्षणिक प्रतिभा का जो आंकलन किया गया है उसके मुताबिक जिला के बच्चे गणित तथा विज्ञान की पढ़ाई में काफी पीछे हैं। भाषा ज्ञान के मामले में यह हाल अंग्रेजी का बताया गया है।
आठवीं की परीक्षा परिणाम एक नजर में
कुल विद्यार्थी 13868, परीक्षा में शामिल हुए 11831, ग्रेड ए 4215, ग्रेड बी 7193, ग्रेड सी423
बोले अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी डा. तकीउद्दीन अहमद ने बताया कि सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन की व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूलों की ठीक तरीके से संचालित करने के लिए शिक्षकों के समय से उपस्थिति तथा हर घंटी की पढ़ाई की मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि आठवीं की परीक्षा परिणाम पटना भेज दिया गया है। डीइओ ने जिला के सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन की स्थिति को बेहतर करने में शिक्षकों के साथ अभिभावकों से भी सहयोग की अपील की है।