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लापरवाही केंद्र के रूप में बदला बरबीघा का टीकाकरण केंद्र

शेखपुरा। जिले के बरबीघा नगर परिषद के आंबेडकर छात्रावास में नगर परिषद द्वारा आम लोगों की सुविधा के लिए अतिरिक्त टीकाकरण केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस टीकाकरण केंद्र पर नगर परिषद के 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका दिया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 11:56 PM (IST)
लापरवाही केंद्र के रूप में बदला बरबीघा का टीकाकरण केंद्र
लापरवाही केंद्र के रूप में बदला बरबीघा का टीकाकरण केंद्र

शेखपुरा। जिले के बरबीघा नगर परिषद के आंबेडकर छात्रावास में नगर परिषद द्वारा आम लोगों की सुविधा के लिए अतिरिक्त टीकाकरण केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इस टीकाकरण केंद्र पर नगर परिषद के 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीका दिया जा रहा है। कोविड-19 प्रतिरक्षा के लिए संचालित इस टीकाकरण केंद्र पर ही कोविड-19 के संक्रमण का खतरा सर्वाधिक दिखाई दिया। दैनिक जागरण द्वारा ऑन द स्पॉट अभियान के तहत कोविड-19 टीकाकरण के इस केंद्र पर कुव्यवस्था और लापरवाही खुलकर देखी गई।

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समय :11:00 बजे दिन

दिन : गुरुवार

स्थान: बरबीघा का आंबेडकर छात्रावास टीकाकरण केंद्र।

टीके की कमी के कारण कुछ दिनों से इस केंद्र को बंद कर दिया गया था। लेकिन, गुरुवार को यहां फिर से टीकाकरण का कार्य शुरू किया गया। इस दौरान एक दर्जन के आसपास लोग टीकाकरण केंद्र पर दिखाई दिए। परंतु, न तो किसी के चेहरे पर मास्क था और न ही कोई शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दिखा। इस टीकाकरण केंद्र पर नगर परिषद के द्वारा दो कर्मियों को टीका लेने वाले लोगों का आधार लेकर पंजीकरण करने की व्यवस्था की गई। परंतु, नगर परिषद के दोनों कर्मचारी खुलेआम लापरवाही बरतते देखे गए। कोई भी मास्क नहीं लगा कर रखा है और शारीरिक दूरी का बिल्कुल ही पालन नहीं किया जा रहा है। टीका लेने वाले में 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी शामिल हैं परंतु उनके द्वारा भी मास्क नहीं लगाया गया था। वहीं, टीकाकरण केंद्र पर आए लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने में भी परेशानी हो रही थी।

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दस लोगों के आने पर ही लगेगा टीका

बताया गया कि 10 लोग हो जाएंगे तब ही टीका देने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसलिए लोगों के आने का इंतजार हो रहा था। अब प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उधर, टीका देने की प्रक्रिया जब शुरू हुई तो वहां रुई और स्प्रिट तक की व्यवस्था नहीं थी। जिस वजह से सीरिज के प्लास्टिक से सुई देने के बाद सुई देने की जगह को दबाया जा रहा था, जिसका कुछ लोगों ने विरोध भी किया। इसके बाद लोगों ने अपने स्तर से रुई खरीद कर टीकाकरण केंद्र को मुहैया कराया।


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