भूकंपरोधी भवन निर्माण को इंजीनियरों का चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
शेखपुरा : जिला में भूकंपरोधी भवनों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सोमवार से चार दिवसीय प्रशिक्षण श
शेखपुरा : जिला में भूकंपरोधी भवनों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सोमवार से चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। जीएनएम कॉलेज के कक्ष में आयोजित इस प्रशिक्षण का उद्घाटन डीएम योगेंद्र ¨सह ने किया। यह प्रशिक्षण राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने आयोजित किया है। चार दिन के इस प्रशिक्षण में जिला के सभी सरकारी विभागों में काम करने वाले कार्यपालक,सहायक एवं कनीय अभियंता हिस्सा ले रहे हैं। भूकंपरोधी भवन का निर्माण कराने के लिए आपदा प्रबंधन पटना के मास्टर ट्रेनर आये हैं। बाद में प्रखंडों में इसी तरह का प्रशिक्षण घर-मकान बनाने वाले राज-मिस्त्री को भी दिया जायेगा। प्रशिक्षण का उद्घाटन करते हुए डीएम ने इंजीनियरों से अपील की कि वे दूसरों का नहीं तो कम से कम अपना बचाव करें। यह भी बड़ी बात होगी। डीएम ने कहा कि आपदा को रोका नहीं जा सकता हैं। ऐसी स्थिति में आपदा का असर कम करने के लिए बचाव ही सबसे उत्तम उपाय है। डीएम ने कहा कि लोगों के रहन-सहन का तरीका आपदा के असर को कम और अधिक बनाता है। अगर हम तरीके से रहते हैं और तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो आपदा के बुरे प्रभाव को काफी कम किया जा सकता है। प्रशिक्षण को एसपी दयाशंकर,एडीएम सत्यप्रकाश शर्मा, टीओ शशिकांत आर्य ने भी संबोधित किया।
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संरचना निर्माण से पहले क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति जानें भूकंपरोधी भवन एवं संरचना के निर्माण के पहले उक्त क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की जानकारी बेहद जरुरी है। प्रशिक्षण में विभिन्न विभागों के इंजीनियरों को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि आज तकनीक की वजह से दुनियां काफी बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि आप कम्प्यूटर पर के क्लिक करके किसी भी क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के बारे में पता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर भवन या अन्य संरचना का निर्माण शुरू करने से पहले वहां की भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करें। तब उसी के अनुरूप संरचना का निर्माण करें। उन्होंने भारत में बढ़ते आपदा के खतरों के बारे में कहा कि जमीन के अंदर प्लेटों की गति की वजह से हिमालय की एवरेस्ट चोटी की उंचाई लगातार बढ़ रही है।
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राज-मिस्त्री को सात दिन दी जाएगी मुफ्त ट्रे¨नग आपदा विभाग द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत जिला के बाद अब प्रखंडों में प्रशिक्षण शुरू किया जायेगा। इस बाबत जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि इंजीनियरों को चार दिनों का प्रशिक्षण देने के बाद अगले महीने प्रखंडों में इसी तरह का शिविर लगाया जायेगा। प्रखंडों में शिविर लगाकर 30-30 राज-मिस्त्री का ग्रुप बनाकर सात दिनों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। सात दिनों के इस प्रशिक्षण के बदले प्रत्येक राज-मिस्त्री को प्रति दिन के हिसाब से सात सौ रूपया भी दिया जायेगा। इसके अलावा प्रशिक्षण में राज-मिस्त्री के खाना-नास्ता का भी मुफ्त प्रबंध रहेगा। प्रशिक्षण में राज-मिस्त्री को सीमेंट, ईंट, छड़ की गुणवत्ता की परख करने एवं उसके सही इस्तेमाल की भी जानकारी दी जाएगी।