सड़क से आज भी महरूम हैं वीरा छपरा शेखटोली
सरकार की पूरी मिशनरी गांवों में शहर जैसी सुविधाएं पहुंचाने में लगी है। लेकिन आज भी देखें तो अधिकांश गांवों की सूरत वहीं दशकों पुरानी है।
शिवहर। सरकार की पूरी मिशनरी गांवों में शहर जैसी सुविधाएं पहुंचाने में लगी है। लेकिन आज भी देखें तो अधिकांश गांवों की सूरत वहीं दशकों पुरानी है। अनगिनत समस्याएं आज भी मुंह बाए खड़ी है। गांव की पाती अभियान के तहत शुक्रवार को दैनिक जागरण टीम डुमरी कटसरी प्रखंड के नयागांव पश्चिमी पंचायत पहुंची। जहां चौपाल सजते देर नहीं लगी। टीम को देख ग्रामीण अपनी व्यथा सुनाने लगे। कहा जीवन जीने की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं सड़क शिक्षा एवं स्वास्थ्य। यहां तीनों सुविधाएं नगण्य है। यहां सबसे बड़ी समस्या सड़क की है। एक दूसरे वार्ड में जाने को सड़क नहीं है। भोड़हां - वीरा छपरा- श्यामपुर सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना में चयनित हुए सात साल के बाद भी नहीं बनी है। उबड़-खाबड़ सड़क ऐसी कि स्वस्थ आदमी भी बीमार हो जाए। तो फिर बीमारों का हाल क्या होगा। वहीं दूसरी वार्ड 9 से ईदगाह टोला भी पगडंडियों के सहारे है तो वीरा छपरा शेख टोली के लोग आज भी खेत की मेड़ होकर घरों तक पहुंचते हैं। तीन गांवों के इस पंचायत को मुकम्मल सड़क सुविधा न होना सरकार के विकास के दावे की पोल खोलने को काफी है। सबसे नारकीय स्थिति बरसात के दिनों में होती है जब लोगों का गांव घर से निकलना दूभर हो जाता है।
दूसरी अहम समस्या चिकित्सा सुविधा की है। हालत ऐसी कि पंचायतवासी बीमार होने पर डॉक्टर को नहीं ऊपरवाले को पहले याद करते हैं। क्योंकि इलाज के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने में घंटा भर लगता है। इस बीच का समय कैसे कटता है यह कोई भुक्तभोगी ही बता सकता है। प्रसूति महिलाओं की समस्याएं कोई भी संवेदनशील व्यक्ति स्वयं समझ सकता है।
विद्यालय की बात करें तो सरकारी दावे यहां भी मिथ्या साबित होते हैं प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय मिलाकर छह विद्यालय दिखाई देते हैं मगर पढ़ाई में गुणवत्ता कागजों पर ही रिपोर्ट की जाती है। हाई स्कूल न होने से अधिकांश बच्चे बच्चियों के सपने अधूरे रह जाते हैं। हां बिजली पानी हाल के वर्षों में व्यवस्थित जरुर हुई हैं। नल जल का काम दो वार्डों में पूरा तो शेष में काम चल रहा है। कुल मिलाकर नयागांव पश्चिमी में समस्याओं की लंबी लिस्ट है जिसमें घिरे लोग जीवन जी नहीं रहे मानों जिदगी किसी तरह काट रहे हैं। चौपाल में हुए शामिल उमाकांत राय, शिवनाथ राय, मो. इकबाल, अंगद राऊत, सीताराम साह, मो. मैमुद्दीन, हुसैनी अंसारी, नेक मोहम्मद, कमलेश राय, भोला साह एवं मो. मकसूद सहित अन्य मौजूद थे। - क्या कहती हैं मुखिया मुखिया तबस्सुम खातून भी स्वीकार करती हैं कि पंचायत की सबसे बड़ी समस्या सड़क का नहीं होना है। हालांकि पंचायत स्तर से सक्षम सड़कों की मरम्मत की गई है। मनरेगा हूं मिट्टी भराई, बकरी शेड, मवेशी नाद सहित अन्य विकास योजनाओं को धरातल पर उतारा गया है। जरुरतमंदों को पेंशन सहित अन्य लाभ दिलाए गए हैं। परंतु जो पंचायत की शक्ति से बाहर का काम है वे अधूरे पड़े हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मुमताज अंसारी कहते हैं कि सख्त वर्षों के बाद भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क का निर्माण न होने से पंचायत वासी खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। नया टेंडर होने के बाद भी निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है। वहीं कई वार्डों में संपर्क सड़क नहीं है। हालांकि इसके लिए प्रयास में कमी नहीं है बावजूद विभाग एवं प्रशासन की नजर इस ओर नहीं है। डॉ. जियाऊल्लाह बताते हैं कि नयागांव पश्चिमी पंचायत को आज भी बुनियादी जरूरतें मुहैय्या नहीं है। लोग अब धैर्य एवं उम्मीद खोने लगे हैं। वहीं सबसे बड़ी समस्या सड़क के लिए आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं।