आंधी-तूफान के कहर ने मचाई तबाही, चार मरे
शिवहर। रविवार की शाम आंधी-तूफान के कहर ने जिले में तबाही मचा दी। एकाएक तेज रफ्तार आंधी के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि देख लोग अचंभित रह गए।
शिवहर। रविवार की शाम आंधी-तूफान के कहर ने जिले में तबाही मचा दी। एकाएक तेज रफ्तार आंधी के साथ बारिश एवं ओलावृष्टि देख लोग अचंभित रह गए। हवा का वेग इतना तेज था कि उसकी जद में आए सैकड़ों नहीं हजारों घर छप्परविहीन हो गए। खासकर एसबेस्टस एवं टीन की छत वाले बहुत कम घर बचे हैं जो प्रभावित नहीं हुए हैं। देखते ही देखते हजारों परिवारों के सिर से छत का साया छीनकर इस बेदर्द आंधी ने या तो खेत में गिरा दिया या फिर पड़ोसी के घर पर रख दिया। पीड़ित लोग अपने पड़ोसियों के घर शरणार्थी बने हैं और सोमवार को कड़ी धूप में उन्होंने अपने उजड़े घरों को फिर से जमाने की जद्दोजहद पूरे दिन जारी रखी। चार व्यक्तियों की गई जान महज आधे घंटे की इस प्राकृतिक आपदा से जिले में तबाही का मंजर बरप गया। चल-अचल संपत्ति का नुकसान तो हुआ ही प्राप्त जानकारी के मुताबिक चार लोगों की जान भी चली गई। नगर थाना क्षेत्र के बिसाही गांव वार्ड 8 निवासी रामचंद्र पासवान की पत्नी सुनैना देवी (58) आंधी के दौरान भागने के क्रम में करंट की चपेट में आ गई जिससे मौत हो गई वहीं सीतामढ़ी जिले के आदमवान गांव निवासी मनोज सिंह (45) अपने संबंधी के यहां जहांगीरपुर आए थे जहां दिवाल गिरने से जख्मी हो गए और उनकी जान चली गई। वही पुरनहिया थाना क्षेत्र के आशोपुर निवासी बुजुर्ग जगदीश राय की वज्रपात से मौत हो गई जबकि श्यामपुर भटहां थाना क्षेत्र के भलुआही गांव निवासी कमलेश पासवान का पुत्र फेंकू पासवान (18) भी इस तूफान की भेंट चढ़ गया और उसकी जान चली गई। वन संपदा को भारी नुकसान रविवार की तेज आंधी ने वन संपदा को भारी क्षति पहुंचाई है। अनगिनत छोटे-बड़े पेड़ या तो जड़ से उखड़ कर जमींदोज हो गए या फिर आधे पर से टूटकर नीचे आ गए। इनकी गिनती संभव नहीं है। शहर से लेकर गांव तक यही मंजर है। सुबह लगभग सभी सड़कों पर आवाजाही बंद रही। सुबह के धुंधलके के साथ ही लोग-बाग पेड़ों को काट यातायात बहाल करने में जुट गए। यह क्रम मानों पूरे दिन जारी रहा। वहीं फलदार वृक्ष भी जमीन पर गिरे देखे गए। उन किसानों को जिन्होंने आम की फसल से उम्मीद लगा रखी थी उनके सपने चूर-चूर हो गए हैं। वहीं वर्षो से तैयार आम, सेमल, शीशम सहित अन्य वृक्षों के नुकसान की भरपाई संभव नहीं दिखाई दे रही। घोर बिजली संकट से जूझ रहे जिलावासी आंधी आने के साथ ही गुल हुई बिजली 24 घंटे तक बहाल नहीं हो सकी। इसकी मुख्य वजह है जगह-जगह बिजली के पोल-तार क्षतिग्रस्त हैं जो जमीन पर आ गिरे हैं वहीं कई ट्रांसफर्मर भी टूटकर नीचे गिरे पड़े हैं। ऐसे में विद्युत आपूर्ति में बाधा आ रही है। हालांकि विभागीय कर्मी उक्त व्यवधानों को दुरुस्त करने में लगे हैं। इधर गर्मी ने फिर से अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ऐसे में सोमवार को पूरे दिन लोग बिजली की राह देखते रहे। मुआवजे की मांग तूफान के इस तांडव से हुई क्षति की भरपाई के लिए मांग उठने लगी है। पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर राणा, जदयू जिलाध्यक्ष रामएकबाल राय क्रांति, रेडक्रास सोसायटी जिलाध्यक्ष गिरीश नंदन सिंह प्रशांत, नपं अध्यक्ष अंशुमान नंदन सिंह एवं जदयू जिला उपाध्यक्ष राजेश शर्मा सहित अन्य ने सरकार एवं जिला प्रशासन से इस प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति की भरपाई मुआवजे के रूप में यथाशीघ्र देने की मांग की ताकि पीड़ित जनमानस को राहत मिल सके।