Move to Jagran APP

बसंतपट्टी पंचायत में नहीं है एक भी हाई स्कूल

गांवों में रहने वाले लोग का हर दिन इसी इंतजार में गुजरता है कि आने वाले दिनों में परिस्थितियां बदल जाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 12:06 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 06:32 AM (IST)
बसंतपट्टी पंचायत में नहीं है एक भी हाई स्कूल
बसंतपट्टी पंचायत में नहीं है एक भी हाई स्कूल

शिवहर। रविशंकर कुमार सिंह, गांवों में रहने वाले लोग का हर दिन इसी इंतजार में गुजरता है कि आने वाले दिनों में परिस्थितियां बदल जाएंगी। जनप्रतिनिधि भी यही भरोसा देते हैं कि अब गांवों की तस्वीर बदल जाएगी। सारी समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा लेकिन आज भी गांवों में समस्याओं का अंबार है। मूलभूत सुविधाओं से आज भी ग्रामीण जनता वंचित है। गुरुवार को गांव की पाती अभियान के तहत बसंतपट्टी पंचायत के मुख्य गांव बसंतपट्टी पहुंची। पक्की सड़क किनारे बसे उक्त गांव के लोगों ने अपनी प्रमुख समस्या सड़क ही बताई। कहा कि यहां मुख्य सड़क से लेकर गांव की सड़कें अब भी बदहाल हैं। वर्तमान मुखिया के गांव बेदौल बाज की भी सड़क जर्जर हो चली है। वहीं अन्य गांवों की सड़कों का हाल भी खस्ता है। दुबे टोला को जोड़ने वाली सड़क आज भी कच्ची और उबड़- खाबड़ है। आरसीसी पुल एवं सड़क का जुड़ाव नहीं होने से भी सड़क का लाभ नहीं मिल रहा है। सड़क पर जलजमाव होने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानी होती है। पुरनहिया में जल जमाव की समस्या पुरानी है। इन समस्याओं से जूझते लोग हर साल नया सपना देखते हैं लेकिन स्थिति नहीं बदलती है। शिक्षा की बात करें तो पंचायत में साक्षरता दर सामान्य से कम है। इसमें गुणात्मक सुधार की जरूरत है। एक सबसे चिता कि पंचायत में एक भी हाई स्कूल नहीं है जबकि सरकार हर पंचायत में हाई स्कूल खोलने की बात करती है यहां निष्प्रभावी है। वहीं सिचाई ,पशु स्वास्थ्य एवं रोजगार की समस्या आम है। चौपाल में शामिल ग्रामीणों ने व‌र्त्तमान मुखिया के कामकाज को संतोषप्रद बताया। युवा समाजसेवी रामप्रवेश साह ने रोजगार की समस्या पर चिता जताई। कहा कि बिना रोजगार विकास की बात बेमानी है। स्वरोजगार को बढ़ावा देकर गांवों की हालत सुधारी जा सकती है। वहीं बसंतपट्टी चौक एवं गांव की मुख्य सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने की मांग रखी। वहीं बुजुर्ग रुदल साह (75) कहते है कि गांव की सड़कों पर जल जमाव की समस्या दूर होनी चाहिए। इसके लिए नालियों की समुचित व्यवस्था सबसे पहले हो। सड़कों पर पानी बहाने की प्रथा बंद होनी चाहिए।

prime article banner

दुबे टोला निवासी अमरेश दुबे एवं शिवलला सिंह ने जर्जर सड़कों का होना विकास में बाधक बताया। कहा कि बसंत जगजीवन बाजार से दुबे टोला मोड़ तक की जर्जर की मरम्मत व निर्माण प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए। ताकि लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सके। - क्या कहते हैं मुखिया मुखिया धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि पंचायत की कई सड़कें जो काफी जर्जर हो चली हैं लेकिन उनकी मजबूरी है कि वे उसका निर्माण या उसकी मरम्मत नहीं करा सकते क्योंकि वह विभागीय सड़क है। विभागीय उदासीनता के कारण यह सड़क जर्जर है और लोग परेशान हैं। बीते तीन वर्षों में पंचायत स्तर से कई उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। विभिन्न गांव में करीब 150 चापाकल दिए गए हैं। वार्ड 10,11एवं 13 में नल जल द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया है। वहीं वार्ड 3,6,7,8 ,10,11 एवं 13 में पक्की गली नाली योजना से सड़कें एवं नालियों का निर्माण हुआ है। करीब 250 लोगों को पीएम आवास एवं 300 लाभुकों को मुख्यमंत्री पेंशन योजना से लाभान्वित किया गया है। पंचायत भवन नहीं होना एक समस्या है इसके लिए भूमि दान करने की सोच रहा हूं। बसंतपट्टी पंचायत: एक नजर - कुल गांवों की संख्या- 5

- कुल परिवार -256

- कुल रकवा - 867.5 हेक्टेयर

- कुल आबादी -1142

- लिगानुपात- 905

- साक्षरता दर- 60 फीसद

- कुल मतदाता - 6778

- मध्य विद्यालय- 04

- प्राथमिक विद्यालय-04

- आयुर्वेदिक चिकित्सालय- 01


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.