पैक्स पर धान खरीद की नहीं है कोई व्यवस्था
त्योहारों का सिलसिला खत्म होने के साथ ही किसान अपने खेतों की खोज-खबर लेने में जुट गए हैं।
शिवहर। त्योहारों का सिलसिला खत्म होने के साथ ही किसान अपने खेतों की खोज-खबर लेने में जुट गए हैं। इसके साथ ही तैयार धान की फसलें काटी जाने लगीं हैं। किसानों को इस बात की जल्दी है कि अब अगर देर हुई तो रबी फसल की अगात खेती नहीं हो पाएगी। नतीजतन अधपके धान भी काटे जा रहे हैं।
वहीं जैसा कि किसानों की नियति रही है उन्हें अपने उत्पाद को उचित बाजार और मूल्य नहीं मिलता। वर्तमान में भी वही परिस्थिति दृष्टिगत है। विवश किसान अपने उत्पाद औने- पौने दामों पर बिचौलियों के हाथों बेच रहे हैं। इसलिए ंकि उन्हें आगामी फसल गेहूं के बीज एवं खाद जो खरीदने हैं। वहीं किसानों के हित में संचालित पैक्स मानों बंद पड़े हैं। वहां धान खरीद की कोई अधिसूचना या मूल्य निर्धारण संबंधित सूचना तक नहीं आई है। एक वजह यह भी है कि पैक्स अध्यक्ष के चुनाव की तारीख घोषित की जा चुकी है। सभी चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि इस बार पैक्स पर धान खरीद की संभावना नगण्य है। फलत: किसानों को बिचौलियों के हाथों लुटने से बच पाना मुश्किल प्रतीत होता है। खेतों में हो रही धान की दौनी
बदलते जमाने के साथ परंपरागत खेती में परिवर्तन दिख रहा है। अब धान काटकर खलिहान में लाने के दिन लद गए। इसकी एक वजह मजदूरों की किल्लत भी है। वहीं अब थ्रेसर सहित ट्रैक्टर खेतों में ही पहुंच जा रहे हैं जिससे तैयार अनाज किसानों के दरवाजे पहुंच जा रहा है। - गेहूं की बुआई प्रारंभ
नवंबर महीना में अगात गेहूं की बुआई प्रारंभ हो जानी चाहिए इस गरज के साथ भी किसान अधपके धान की फसल काट खेत खाली करने में लगे हैं। अत्यधिक नमी होने से भी रबी की फसल बोई नहीं जा सकेगी। जो खेत खाली हो गए हैं उसमें गेहूं की बुआई प्रारंभ कर दी गई है। नतीजतन बाजार में बीज एवं उर्वरकों की बिक्री भी जोर पकड़ने लगी है