....सदा होती है जय जयकार मां के मंदिर में
शिवहर। त्योहारों का महीना कार्तिक भले ही बीत गया हो लेकिन जिले में धार्मिक अनुष्ठान व आयोजनों का सिलसिला जारी है। इन दिनों मैं तो आरती उतारूं रे संतोषी माता की..सदा होती है जय जयकार मां के मंदिर में.. सरीखे भजनों का शोर बरबस सुनाई दे रहा है।
शिवहर। त्योहारों का महीना कार्तिक भले ही बीत गया हो लेकिन जिले में धार्मिक अनुष्ठान व आयोजनों का सिलसिला जारी है। इन दिनों मैं तो आरती उतारूं रे संतोषी माता की..सदा होती है जय जयकार मां के मंदिर में.. सरीखे भजनों का शोर बरबस सुनाई दे रहा है। शुक्रवार का दिन इस मामले में खास रहा कि शिवहर- मुजफ्फरपुर पथ स्थित कुशहर राजदेवी चौक पर आयोजित संतोषी माता पूजन यज्ञ की पूर्णाहुति वैदिक मंत्रोच्चार के साथ की गई। आखिरी दिन होने से श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई। आयोजन स्थल पर आस्थावानों ने कई तरह के यज्ञानुष्ठान किए। परंपरागत खीरभोज एवं पार्थिव पूजन भी देखने को मिला। वहीं मेला परिसर में लगा बड़ा- मंझोला व छोटा झूला बच्चों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। इधर मीना बाजार में दर्जनों सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों व मिठाईयों की दुकान पर भीड़ देखने लायक थी।
वहीं दूसरी ओर तरियानी प्रखंड के ही अठकोनी चौक पर होने वाले संतोषी माता यज्ञ के लिए आज विशाल कलशयात्रा निकाली गई। जिसमें आकर्षक सजावट के साथ माथे पर कलश लिए देवीस्वरुपा कन्याओं की कतार लोगों में भक्ति भाव जगाती दिखी। वहीं विभिन्न गांवों से गुजरते हुए माता का जयकारा लगाते शामिल श्रद्धा़लुओं में भक्ति भाव चरम पर देखा गया। बता दें कि अठकोनी चौक पर विगत तैंतीस वर्षों से विशाल पूजा पंडाल के साथ होने वाले यज्ञ की आज वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरुआत की गई। इसे लेकर आसपास के गांवों में एक अजीब सी चहल-पहल देखी जा रही है। हर रास्ते से लोग यज्ञ स्थल की ओर आते जाते दिख रहे हैं।
इधर सुरगाही पंचायत में भी संतोषी माता यज्ञ की धूम मची हुई है। शुक्रवार को नवयुवक पूजा समिति के नेतृत्व में 551 कन्याएं कलश लिए बागमती नदी के कोलसो गुलरिया घाट पहुंची जहां गंगा आरती के पश्चात बागमती का पवित्र जल कलश में ले वापस सुरगाही चौधरी मार्केट स्थित यज्ञ स्थल पहुंची। वहां पुन: विधिवत पूजन के साथ कलश स्थापित किया किया। इस दौरान श्रद्धा़लुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं जयकारे एवं संतोषी मां के भजनों का शोर लगातार होने से इलाका पूरी तरह भक्तिमय हो चला है।